यूडीएच मंत्री ने अनुशासन की कमी को बताया बीआरटीएस कॉरिडोर के फेल होने का कारण

जयपुर, 21 अप्रैल (हि.स.)। शहर में सालों से बेकार पड़े बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर को हटाकर अब मेट्रो के लिए राह तैयार की जा रही है। कोरिडोर को हटाने का काम सोमवार को भी जारी रहा। हालांकि, बीआरटीएस कॉरिडोर को कभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए वरदान माना गया था, लेकिन हकीकत में यह एक फ्लॉप स्कीम साबित हुआ। इसकों लेकर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि बीआरटीएस की उपयोगिता वहां होती है जहां लोगों में पूर्ण अनुशासन हो, लेकिन यहां इसका अभाव पाया जाता है, इसलिए बीआरटीएस फेल हुआ है। अब बीआरटीएस की उपयोगिता नहीं रही है, ऐसे में ये हटेगा तो सड़क की चौड़ाई बढ़ेगी, इससे निश्चित रूप से रास्ता सुगम होगा।

बीआरटीएस कॉरिडोर योजना पर 170 करोड़ खर्च कर न तो आम जनता को सहूलियत दे पाया, न ही शहर के ट्रैफिक को सुधार सका। अब इसे हटाने और मेट्रो रूट के हिसाब से तैयार करने में 30 करोड़ और खर्च किए जा रहे हैं। कॉरिडोर हटने के बाद सड़कें और चौड़ी हो जाएंगी, जो वाहन अभी एक तरफ 10.5 मीटर की सड़क पर चलते हैं, वे अब 13 मीटर की सड़क पर चलेंगे, यानी सड़क करीब 43 फीट चौड़ी होगी। बीच में छोड़ा गया 3.80 मीटर का मीडियन भविष्य में मेट्रो ट्रैक के रूप में काम आएगा। जयपुर मेट्रो फेज-2 को ध्यान में रखते हुए यह निर्माण किया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश

   

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