एसटीएफ ने साइबर ठगी में  उत्तर प्रदेश से एक दबोचा, 84 लाख की ठगी का आराेप

देहरादून, 22 नवंबर (हि.स.)। उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कासगंज, उत्तर प्रदेश से एक शातिर साइबर ठग को गिरफ्तार किया है। इस आराेपित पर देहरादून के एक व्यक्ति से करीब 84 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का आराेप है।

दरअसल, देहरादून वासी एक व्यक्ति ने अक्टूबर 2024 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में एक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे इंटरनेट पर स्टॉक ट्रेडिंग और आईपीओ में निवेश से संबंधित एक आकर्षक विज्ञापन दिखा। विज्ञापन पर क्लिक करने के बाद आरोपित ने पीड़ित को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ लिया, जहां आरोपित ने खुद को ह्वील (एनडब्ल्यूआईएल) सिक्योरिटीज और रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड (एनएसई सूचीबद्ध कंपनी) का मुख्य निवेश अधिकारी बताया। इसके उपरांत आरोपित ने पीड़ित को आरबीएल मोबाइल ऐप के माध्यम से ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए राजी किया और मुनाफा कमाने के नाम पर उसे निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। धीरे-धीरे आरोपित ने पीड़ित से कुल 84.70 लाख रुपये की राशि धोखाधड़ी से ऐंठ ली।

इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि इस गंभीर मामले के खुलासे के लिए एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया। साइबर क्राइम पुलिस ने तकनीकी जांच व डेटा विश्लेषण के बाद पुलिस ने कासगंज उत्तर प्रदेश से आरोपित दुर्गेश (29) पुत्र स्व. जयसिंह निवासी सुभाष नगर, हमापुर, कासगंज, उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित के कब्जे से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया। उन्हाेंने बताया कि आरोपित और उसके साथी तमाम साेशल मीडिया के प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन जारी कर पीड़ितों से संपर्क करते थे और उन्हें फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग और आईपीओ वेबसाइटों पर मुनाफा दिखाकर निवेशकों को आकर्षित करते थे।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने नागरिकों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर मिलने वाले किसी भी आकर्षक निवेश के ऑफर्स से सावधान रहें। किसी भी अंजान व्यक्ति के संपर्क में आकर निजी जानकारी साझा न करें। फर्जी निवेश योजनाओं, टेलीग्राम आधारित ऑफर्स, या सोशल मीडिया पर मिलने वाले लुभावने प्रस्तावों से बचें। किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर विश्वास न करें और हमेशा सत्यता की जांच करें। यदि आपको वित्तीय धोखाधड़ी का सामना करना पड़ता है, तो तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करें या निकटतम साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें। साइबर अपराधों से बचाव के लिए सतर्क रहें और सुरक्षा उपायों का पालन करें।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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