रेवाड़ीः जीवन में विपत्तियों व कठिनाई के समय गीता दिखाती है राहः लक्ष्मण सिंह

रेवाड़ी, 9 दिसंबर (हि.स.)। विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने गीता महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर सोमवार को कर्म का महत्व बताया। उन्हाेंने कहा कि श्रीमद भगवत गीता जीवन पथ पर कर्मों और नियमों के साथ चलने की प्रेरणा देती है। श्रीमद् भगवत गीता सभी धर्म ग्रंथों में सर्वोच्च मानी जाती है। क्योंकि गीता में निहित बातों को लगभग सभी धर्मों में मान्यता दी गई है।

गीता के 18 अध्यायों के करीब 700 श्लोकों में हर उस समस्या का समाधान मिल जाता है, जो कभी न कभी हर इंसान के सामने खड़ी हो जाती है। यदि हम इसके श्लोकों का अध्ययन रोज करें तो हम आने वाली हर समस्या का हल बगैर किसी मदद के निकाल सकते हैं। भगवत गीता हमें ‘लाइफ मैनेजमेंट’ करना सिखाती है। भगवान श्री कृष्ण के मैनेजमेंट सूत्र हमें भविष्य में तरक्की दिला सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म में कर्म को प्रधान माना गया है। शास्त्रों में यह विदित है कि जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है उन्हें उसी प्रकार से फल की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति के कर्मों के आधार पर अपना जीवन व्यतीत करता है उन्हें सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है और वह कई प्रकार की समस्याओं से दूर रहते हैं। कर्म महान है, कर्म से ही आदमी महान व बड़ा बनता है।

गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि।’ जिसका अर्थ है कि ‘तेरा कर्म करने में अधिकार है’ इनके फलों में नहीं। तू कर्म के फल के प्रति आसक्त ना हो या कर्म न करने के प्रति प्रेरित ना हो। सनातन धर्म में कर्म को मूल सिद्धांत माना गया है। इसके साथ रामायण, महाभारत जैसे महान ग्रंथों में भी कर्म को ही प्रधान बताया गया है। आज की युवा पीढ़ी को गीता अवश्य पढ़नी चाहिए। इस मौके पर एडीसी अनुपमा अंजलि, एसडीएम रेवाड़ी सुरेंद्र सिंह, उप निदेशक एवं डीआईपीआरओ सुरेंद्र सैनी, डीडीपीओ नरेंद्र सारवान, जिला शिक्षा अधिकारी कपिल पूनिया, डीसीडब्ल्यूओ वीरेंद्र सिंह, सीएमओ डा सुरेंद्र यादव आदि अधिकारीगण व गणमान्य लोग मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला

   

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