क्या कठुआ में फिर से खिलेगा 'कमल' या कांग्रेस व दल बदल देंगें सियासी समीकरण

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां अपना अपना जोर लगा चुके हैं । जम्मू कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा तीन चरणों में मतदान संपन्न कराए जा रहे हैं। इसी क्रम में 01 अक्तूबर यानी की तीसरे चरण के तहत कठुआ विधानसभा सीट पर भी वोटिंग कराई जा रही है । यह सीट उधमपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। उधमपुर से भाजपा के सांसद जितेंद्र सिंह हैं। जितेंद्र सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था। भारतीय जनता पार्टी को 5,71,076 वोट मिले थे और कांग्रेस को 4,46,703 वोट मिले थे। यहां भारतीय जनता पार्टी ने 124373 वोटों से जीत  दर्ज की थी  और साल 2014 के विधानसभा चुनाव में कठुआ सीट से भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। भाजपा उम्मीदवार राजीव जसरोटिया को 35,670 वोट मिले थे। उन्होंने बसपा उम्मीदवार सोम राज मजोत्रा को शिकस्त दी थी। इससे पहले साल 2008 में निर्दलीय चरणजीत सिंह ने और साल 2000 में जितेंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी। वहीं साल 1996 में बसपा के सागर चंद्र और साल 1987 में कांग्रेस उम्मीदवार को जीत हासिल हुई थी। कुल मिलाकर देखा जाए, तो इस सीट से हिंदू प्रत्याशियों ने ही जीत हासिल की है
कठुआ सीट पर हिंदू बड़ी भूमिका निभाते हैं बड़ी ,इस बार कठुआ में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। पीडीपी समेत अन्य सभी राजनीतिक दल मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस सीट पर हिंदू मतदाताओं की संख्या अधिक है। परिसीमन के बाद कठुआ विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को चुनाव जीतने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। बता दें कि कठुआ का क्षेत्रफल 2,502 वर्ग किमी है। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य की जनसंख्या 06.16 लाख है। आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 10 साल बाद 01 अक्तूबर को कठुआ में मतदान होंगे। वहीं वोटों की गिनती 08 अक्तूबर को की जाएगी

   

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