मोहाली में जीबीपी ग्रुप पर एक और FIR:जम्मू के दो निवेशकों से ₹56 लाख की ठगी, दुबई में छुपे हो सकते हैं आरोपी
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- Oct 13, 2025
पंजाब के मोहाली जिले के खरड़ में रियल एस्टेट कंपनी मैसर्स गुप्ता बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्रा. लि. (जीबीपी) पर धोखाधड़ी का एक और मामला दर्ज किया गया है। जम्मू के दो निवेशकों मनीष कुमार शर्मा और सुनीता भट्ट ने कंपनी पर कुल 56.61 लाख रुपए की ठगी का आरोप लगाया है। निवेशकों को यह पूरा प्रोजेक्ट 'रेरा अप्रूव्ड' बताया गया था। एसएसपी मोहाली के आदेश पर थाना सदर खरड़ में कंपनी के मालिक के खिलाफ धारा 406 और 420 के तहत केस दर्ज किया गया है। 2017 में बुक किया था फ्लैट निवेशकों ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 2017 में जीबीपी की सेल्स टीम ने उन्हें गांव खानपुर स्थित 'जीबीपी कामेलिया एक्सटेंशन्स' प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक करने के लिए राजी किया था। उन्हें यह प्रोजेक्ट 'रेरा अप्रूव्ड' बताया गया था। कंपनी ने 'सबवेंशन स्कीम' के तहत आश्वासन दिया था कि फ्लैट का कब्जा मिलने तक ईएमआई और ब्याज का भुगतान बिल्डर द्वारा किया जाएगा। जून 2021 में फ्लैट का कब्जा देने का वादा किया, लेकिन तैयार नहीं हुए इस भरोसे पर मनीष शर्मा ने 35.70 लाख रुपए और सुनीता भट्ट ने 30.18 लाख रुपए का भुगतान किया। कंपनी ने जून 2021 तक फ्लैट का कब्जा देने का वादा किया था, लेकिन फ्लैट तैयार नहीं हुए। जब खरीदारों ने संपर्क करने की कोशिश की, तो कंपनी के कार्यालय बंद मिले और फोन भी स्विच ऑफ थे। दुबई में छुपे हो सकते हैं आरोपी जांच में सामने आया कि कंपनी ने मनीष से 28.63 लाख रुपए और सुनीता से 27.98 लाख रुपए लिए, लेकिन न तो कब्जा दिया और न ही रकम लौटाई। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, जीबीपी ग्रुप के निदेशक सतीश गुप्ता, रमन गुप्ता, प्रदीप गुप्ता और अनुपम गुप्ता सितंबर 2021 में देश छोड़कर भाग गए थे। अदालत ने 2022 से उन्हें भगोड़ा (पीओ) घोषित किया हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी दुबई में छिपे हैं और पुलिस उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया आगे बढ़ा रही है। जीबीपी ग्रुप के खिलाफ अब तक 25 केस दर्ज बता दें कि जीबीपी ग्रुप के खिलाफ अब तक करीब 25 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और 150 से अधिक खरीदार शिकायतें कर चुके हैं। इनमें से 14 मामले चंडीगढ़ में और अन्य मोहाली जिले व अन्य थानों में दर्ज हैं। जनवरी 2025 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कंपनी की 87.64 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की थीं, जिनमें जीरकपुर स्थित 'जीबीपी एथेंस-I और II' प्रोजेक्ट भी शामिल थे।



