हरियाणा में वन्य जीव बोर्ड का पुनर्गठन, मुख्यमंत्री हाेंगे चेयरमैन

- वन्य जीवों के आवास पर परियोजनाओं के प्रभाव का आकलन करेगा बोर्ड

चंडीगढ़, 23 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए वन्य जीवों और वनों के संरक्षण और विकास के लिए राज्य वन्य जीव बोर्ड का पुनर्गठन कर दिया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी इस बोर्ड के चेयरमैन और पर्यावरण, वन एवं वन्य प्राणी मंत्री राव नरबीर सिंह वाइस चेयरमैन होंगे। इसके अलावा तीन विधायक, गैर सरकारी संगठनों के तीन प्रतिनिधियों तथा पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी क्षेत्र से जुड़े 10 लोग को सदस्य मनोनीत किया जाएगा।

पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने शनिवार को बोर्ड के पुनर्गठन को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। वन विभाग, लोक निर्माण और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रशासनिक सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक, पुलिस महानिदेशक, ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ ट्रेनिंग मुख्यालय (पश्चिमी कमान) चंडीगढ़, पशुपालन विभाग के महानिदेशक, मत्स्य पालन निदेशक, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक या उनके प्रतिनिधि, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के निदेशक, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण देहरादून के निदेशक और भारतीय प्राणी सर्वेक्षण देहरादून के प्रभारी अधिकारी को पदेन सदस्य बनाया गया है। मुख्य वन्यजीव वार्डन सदस्य सचिव होंगे।

बोर्ड का मुख्यालय पंचकूला में होगा। बोर्ड का कार्यकाल तीन वर्ष का रहेगा। सरकार आवश्यकता पड़ने पर इससे पहले भी बोर्ड का पुनर्गठन कर सकती है। बोर्ड का मुख्य कार्य वन्य जीवों और वनों के संरक्षण, विकास के लिए नीतियां व कार्यक्रम तैयार करना, वन्य जीवों के अवैध व्यापार तथा शिकार को रोकना, राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों की स्थापना के अलावा प्रबंधन की सिफारिश करना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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