सारण, 7 दिसंबर (हि.स.)। ऐतिहासिक हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में आयोजित 'सोनपुर आइडल' कॉन्टेस्ट अब अपने अंतिम चरण में पहुँच चुका है। गायन प्रतिभाओं को मंच देने वाले इस पहले संस्करण के ग्रैंड फिनाले का रोमांच आज चरम पर होगा, जहाँ पाँच बेहतरीन प्रतिभागी बॉलीवुड की प्रसिद्ध गायिका और मुख्य निर्णायक पद्मश्री अनुराधा पौडवाल के समक्ष अपनी वर्षों की साधना और हुनर का अंतिम प्रदर्शन करेंगे। पूरे बिहार से आए सैकड़ों कलाकारों के बीच कड़े मुकाबले के बाद, इन पाँचों गायकों ने अपनी आवाज के जादू से न सिर्फ जजों को प्रभावित किया, बल्कि हजारों संगीत प्रेमियों के दिल में भी जगह बनाई है। फिनाले में पहुँचने वाले खुशी मिश्रा मोतिहारी, अमोलिका धनश्री पटना, वेद प्रकाश सहरसा, वैभव देव छपरा और रौनक रत्न छपरा इन पाँचों फाइनलिस्ट ने 'सोनपुर आइडल' के मंच पर पहुँचने के लिए अथक परिश्रम किया है।
खुशी मिश्रा की भावपूर्ण प्रस्तुति हो, अमोलिका धनश्री की शास्त्रीय गायन पर मजबूत पकड़, वेद प्रकाश की मधुर और मनमोहक आवाज, वैभव देव का आधुनिक और ऊर्जावान अंदाज या फिर रौनक रत्न का बहुमुखी गायन हर किसी ने अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अनुराधा पौडवाल जैसी महान हस्ती की कसौटी पर कौन खरा उतरता है। ग्रैंड फिनाले को खास बनाने के लिए बॉलीवुड की गायिका अनुराधा पौडवाल को मुख्य जज के रूप में आमंत्रित किया गया है। उनके अनुभव और संगीत की गहरी समझ के कारण, इस कॉन्टेस्ट का महत्व कई गुना बढ़ गया है। इन उभरते कलाकारों के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है कि उनकी किस्मत का फैसला साक्षात पद्मश्री विजेता के हाथों होगा।
सोनपुर आइडल ने इस साल मेले को एक नई पहचान दी है। यह न सिर्फ बिहार की सांस्कृतिक प्रतिभाओं को उभारने का एक मंच है, बल्कि यह भी दिखाता है कि हमारी लोक और आधुनिक कलाओं में कितनी गहराई है। फाइनल में आए सभी प्रतिभागी विजेता हैं, क्योंकि उन्होंने यहाँ तक पहुँचने के लिए कड़ी मेहनत की है।
जैसे ही पर्यटन विभाग के मुख्य पंडाल में संगीत की अंतिम गूँज उठेगी, यह तय हो जाएगा कि इस पहले 'सोनपुर आइडल' का ताज किसके सिर सजेगा और किसकी 'आज कल की साधना' रंग लाएगी। संगीत प्रेमी और दर्शक इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय कुमार



