यमुनानगर: महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 19 लाख ठगे, तीन गिरफ्तार 

यमुनानगर, 6 दिसंबर (हि.स.)। जिला यमुनानगर में डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी का एक मामला सामने आया है जिसमें एक महिला डॉक्टर से डिजिटल अरेस्ट कर 19 लाख रूपये की साइबर ठगी करने के मामले में यमुनानगर की साइबर अपराध थाना पुलिस ने राजस्थान और बिहार के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जिन्हें कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। तीनों आरोपियों की पहचान जयपुर निवासी 29 वर्षीय शक्तिव्यास, जोधपुर निवासी 24 वर्षीय सौरभ कपूर व बिहार के गांव गौराघाट निवासी 20 वर्षीय नीरज कुमार के रूप में हुई।

शुक्रवार को थाना साइबर अपराध के इंस्पेक्टर बलदेव सिंह ने बताया महिला डाक्टर नौ नवंबर को अपने घर पर थी। तभी उनके पास एक अनजान नंबर से मोबाइल पर फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को साइबर अपराध दिल्ली का अधिकारी बताया। जिसने डाक्टर से कहा कि उसके विरुद्ध मनी लांड्रिंग,ड्रग्स और मानव तस्करी का केस दर्ज हुआ है। यह भी कहा कि वर्ष 2017 से एचडीएफसी बैंक में खाता चल रहा है। जिसमें मनी लांड्रिंग के रुपये आते हैं। आधार कार्ड से मोबाइल नंबर पता लगा है। खुद को साइबर क्राइम थाना से बताने वाले ठग ने डाक्टर को कहा कि आपके नंबर से लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। धमकियां दी जा रही है। बैंक खातों की जानकारी भी डाक्टर से मांगी गई। धमकी दी गई कि सभी खातों की जानकारी दें और उसमें जो भी रुपये हैं। उसका 99 प्रतिशत सीबीआई में जमा कराने पडेंगे। यदि रुपये जमा नहीं कराए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। जिसके बाद महिला डॉक्टर के पास एक खाता नंबर भेजा गया। घबराकर डाक्टर ने पांच लाख 77 हजार रुपये उस खाते में भिजवा दिए। इसके बाद अलग-अलग 14 नवंबर तक उससे 13 लाख 20 हजार 277 रुपये इस खाते में जमा कराए गए। ठगों ने डाक्टर को डिजिटल अरेस्ट रखा। उसके पास कभी सीबीआई अधिकारी बनकर तो कभी साइबर अपराध दिल्ली से अधिकारी बनकर फोन आता रहा। 19 नवंबर को यह केस दर्ज हुआ था। जिसमें यमुनानगर साइबर क्राइम की टीम ने तीन आरोपियों को राजस्थान के जोधपुर से गिरफ्तार किया है। जिन्हें आज कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / अवतार सिंह चुग

   

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