जम्मू, 13 मई (हि.स.) । बॉर्डरलेस वर्ल्ड फाउंडेशन, नासिक और स्थानीय व नागरिक प्रशासन के सहयोग से भारतीय सेना सुरनकोट थानामंडी और कोटरंका में दो दिवसीय परिवर्तनकारी चिकित्सा शिविर का आयोजन कर रही है। इस शिविर का उद्देश्य सुरनकोट के दारा सांगला, सांगला, फासलाबाद, मरहोटे, जम्मू शिड, डोग्रेन, पोशाना, नेली, अजमताबाद, अलाल, पंगाई, कोरांका, समोट और मंगोटा जैसे दूर-दराज के क्षेत्रों से निवासी आबादी और गुज्जर बक्करवाल समुदाय के डेरों की सहायता करना है।
शिविर में बॉर्डरलेस वर्ल्ड फाउंडेशन के बारह विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें, सरकारी मेडिकल कॉलेज, सुरनकोट और राजौरी के छह विशेषज्ञ डॉक्टर और भारतीय सेना के डॉक्टर शामिल थे, जो शिविर की सफलता सुनिश्चित करने के लिए एक साथ सहयोग कर रहे थे। डॉक्टरों की टीम में नेत्र रोग विशेषज्ञ, जनरल फिजिशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, त्वचा विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और हड्डी रोग विशेषज्ञ शामिल हैं।
चिकित्सा शिविर का स्थानीय समुदायों, विशेषकर गुज्जरों और बखरवालों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। दोनों स्थानों पर लगभग 1800 व्यक्तियों, जिनमें 600 पुरुष, 700 महिलाएं और 250 बच्चे शामिल थे, ने चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाया। ये हाशिए पर रहने वाले समुदाय अक्सर दूरदराज के इलाकों में रहते हैं जहां स्वास्थ्य देखभाल का बुनियादी ढांचा दुर्लभ है। शिविर ने आवश्यक चिकित्सा सेवाएं सीधे उनके दरवाजे तक पहुंचा दीं।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान