ठगी में काबू इमिग्रेशन एजेंट खोल रहा था नया दफ्तर:पंचकूला पुलिस ने जयपुर से पकड़ा; कभी विदेश जाने वालों की कतार में था
- Admin Admin
- Nov 09, 2025
हरियाणा की पंचकूला पुलिस द्वारा पकड़ा गया एजेंट कभी खुद विदेश जाना चाहता था। विदेश जाने की चाह में वह इमिग्रेशन एजेंटों के यहां पर साल 2019 में चक्कर लगाया करता था। उसका काम नहीं बना तो उसने इमिग्रेशन एजेंट कैसे काम करते हैं, इसके तौर-तरीके सीख लिए। इमिग्रेशन एजेंट बनने से पहले जीरकपुर का साहिल शर्मा आरसी और लाइसेंस बनवाना का धंधा करता था। लेकिन उसे विदेश जाने की चाह जगी और वह इमिग्रेशन वालों के यहां जाने लगा। उसके बाद उसने पंजाब में अपना इमिग्रेशन ऑफिस खोला और 6 लोगों के साथ फ्रॉड कर दिया। जिसमें फर्जी नाम से जेल गया और फिर उसी नाम से बेल पर आ गया। फर्जीवाड़े का यह कारनामा पुलिस भी नहीं पकड़ पाई। कैश और गोल्ड हुआ बरामद पुलिस ने उसके पास से 26 लाख 50 हजार रुपए कैश, 850 ग्राम सोना और डायमंड बरामद किया है। इसके अलावा आरोपी के पास से XUV 500 कार भी बरामद हुई है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान साहिल निवासी जीरकपुर पंजाब के रूप में हुई है। नया ऑफिस खोलने की तैयारी साहिल शर्मा नया ऑफिस जयपुर में खोलने की तैयारी कर रहा था। जिसके लिए उसने ब्रोकर से बातचीत भी कर ली थी। ब्रोकर को पेमेंट देने के लिए ही उसने एटीएम से 10 हजार रुपए की राशि निकलवाई थी। क्योंकि कैश घर पर था और ब्रोकर ने उसी समय पेमेंट लेने की बात कही थी। वह ब्रोकर को अपना घर नहीं दिखाना चाह रहा था। इसी 10 हजार रुपए की पेमेंट ने उस पकड़वा दिया। साढे 4 किलोमीटर में देखे 200 कैमरे जिस एटीएम से साहिल शर्मा ने पैसे निकाले वहां से आरोपी के घर तक पंचकूला की एंटी इमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट ने करीब 200 दुकानों के कैमरे चेक किए। साढे 4 किलोमीटर की दूरी के लिए टीम ने रूट चार्ट बनाते हुए काम करना शुरू किया और कैमरों के आधार पर उसकी कार को ट्रेस करते चले गए। 2 से 14 लाख रुपए तक ठगे पंजाब के इमिग्रेशन एजेंट ने अब तक करीब 60 युवाओं के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। जिसमें 26 मामले उसके खिलाफ दर्ज हो चुके हैं। वह केवल 6 मामलों में ही गिरफ्तार हुआ है, उसमें भी फर्जी नाम से। अभी करीब 20 मामलो में उसकी गिरफ्तारी पेंडिंग है। वहीं करीब 34 ऐसे केस हैं, जो पुलिस ने दर्ज नहीं किए हैं। 4 प्वाइंट में समझिए, ठग ने गिरफ्तारी से बचने के लिए क्या किया.. 1. छिपने के लिए लेता था महंगा फ्लैट:आरोपी ने फरारी काटने के लिए हमेशा महंगी सोसाइटी में फ्लैट लिया। फरारी के दौरान उसने ऋषिकेश, हरिद्वार, नोएडा और गाजियाबाद के बाद जयपुर उसका 5वां ठिकाना था। जहां पर पंचकूला पुलिस की टीम ने दबोच लिया। वो महंगी सोसाइटी में फ्लैट इसलिए देखता था, ताकि वहां पर पुलिस ज्यादा शक न करे। 2. पकड़े जाने के डर से छोड़ी टीचर की नौकरी: साल 2024 में आरोपी की पंजाब में जेबीटी टीचर की नौकरी लग गई। लेकिन उसे वेरिफिकेशन में पकड़े जाने के डर से नौकरी ज्वाइन नहीं की। क्योंकि वह पंजाब के 6 मामलों में भगौड़ा घोषित हो चुका था। नौकरी छोड़ने के बाद आरोपी ने यमुनानगर के 50 युवाओं को एक साथ चूना लगाया। 3. हर माह बदलता था सिम: आरोपी साहिल शर्मा पुलिस से बचने के लिए हर माह अपना सिम कार्ड बदल देता था। आरोपी के पास गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने 12 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इसके अलावा आरोपी के पास 25 एटीएम कार्ड भी मिले हैं। 4. फर्जी नाम पर सिम और खाते खुलवाए: आरोपी साहिल शर्मा ने पंजाब में प्रदीप शर्मा बनकर काफी लोगों के साथ फ्रॉड किए। इसी फर्जी नाम से उसने खाते खुलवाया व सिमकार्ड इश्यू करवाए। खास बात यह है कि किसी भी बैंक अकाउंट में उसने अपनी केवाईसी नहीं करवाई। जिसके चलते वह पुलिस की पकड़ में आने से बचता रहा। ठिकाना बदल चुके सिम बेचने वाले इमिग्रेशन एजेंट को सिम बेचने वालों ने अब अमृतसर में अपने ठिकाने बदल लिए हैं। सभी ने बिना केवाईसी के ही आरोपी को सिम कार्ड इश्यू कर दिए थे। पंचकूला की एंटी इमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट ने बैंकों से भी संपर्क कर उन कर्मचारियों को रिकॉर्ड मांगा है, जिन्होंने बिना केवाईसी के ही अकाउंट खोल दिया था।



