नालंदा, 28 फरवरी (हि.स.)।
नालंदा जिलान्तर्गत अनुमंडल पदाधिकारी हिलसा के कार्यालय सभागार में शुक्रवार को बंधुआ मजदूर निगरानी समिति की एक संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से समाज सेवियों एवं पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
प्रभारी एसडीओ राजन कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस संगोष्ठी में शामिल सदस्यों ने बंधुआ मज़दूरी को समाज का कोढ़ बताया तथा इसके उन्मूलन पर गहन चर्चा की गयी। इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि बंधुआ मज़दूरों को चिन्हित कर उनके पुनर्वास के लिए सरकार ने कई तरह के कदम उठाए हैं। वैसा व्यक्ति जो लिये हुए ऋण को चुकाने के लिए दाता के अंदर में पूरा समय बंधकर काम करता है वहीं बंधुआ मज़दूर कहलाता है।
बंधुआ मज़दूरी पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है।बंधुआ मज़दूरी निवारण से संबंधित कड़े क़ानून भी बने हैं जिसके बारे में आम जन को कुछ भी नहीं पता है। उन्हें जागरूक करने की ज़िम्मेवारी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी है। उन्होंने कहा कि अगर बंधुआ मजदूर के बारे में कोई भी सूचना मिलती हो तो अनुमंडल कार्यालय को ज़रूर बताएं ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके।
परिचर्चा के दौरान समाजसेवी डा. आशुतोष कुमार मानव एवं रमाकान्त शर्मा ने इस सामाजिक बुराई को लेकर व्यापक प्रचार प्रसार पर बल दिया तथा समय समय पर बैठक आयोजित करते रहने का प्रस्ताव दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रमोद पांडे



