मठाधीशों की राजनीति की भेंट चढ़ता बुंदेलखण्ड हस्त शिल्प मेला थीमेटिक

-बुंदेलखंड के पात्र लाभार्थी लाभ से हो रहे वंचित, शासन की मंशा पर पलीता

झांसी, 9 दिसंबर (हि.स.)। बुंदेलखंड परिक्षेत्र के हस्तशिल्पियों को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करने, उन्हें प्रशिक्षित करने, रोजगार देने और समुचित बाजार मुहैया कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार के बुंदेलखंड मेगा क्लस्टर प्रोजेक्ट के तहत बुंदेली हस्तशिल्प मेला थीमेटिक प्रदर्शनी 2024 का दस दिवसीय आयोजन बुंदेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में किया जा रहा है। इसके इतर विश्वविद्यालय की सुरक्षा व मेले में समयावधि सीमित होने के चलते शासन की मंशा के अनुरूप बुंदेलखंड के सातों जिलों के लोगों को भी इसका लाभ नहीं मिल रहा। कुल मिलाकर मेला छात्रों तक सिमट कर रह गया है। उद्यमिता के प्रोत्साहन को आयोजित यह मेला बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय के शिक्षकों की राजनीति का शिकार होता नजर आ रहा है।

गौरतलब है कि बुंदेलखंड स्तरीय हस्तशिल्प मेले का उद्घाटन 3 दिसंबर मंगलवार को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय एवं हस्तशिल्प संवर्धन अधिकारी, इलाहाबाद क्षेत्र विशाल वर्मा ने किया था। भारत सरकार देश के युवाओं में उद्यमिता के विकास के लिए विविध योजनाएं चला रही है। उसी कड़ी में यह थीमेटिक एक्जिबिशन लगाई जा रही है। राज्य और केन्द्र सरकार के इस साझे आयोजन से युवाओं और हस्तशिल्पियों दोनों की सोच समझ और अनुभवों से बहुत कुछ सीखने के कयास लगाए गए थे।

इस हस्त शिल्प मेले यानी थीमेटिक एक्जिबिशन 2024 का आयोजन उत्तर प्रदेश राज्य कृषि एवं ग्रामीण विकास निगम लिमिटेड, लखनऊ के तत्वावधान में किया जा रहा है। यह मेला बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पत्रकारिता संस्थान के सामने 3 से 12 दिसंबर तक आयोजित किया गया है। इस मेले में बुंदेलखंड के सभी जिलों के हस्तशिल्पी और उद्यमी कारपेट, दरी, लकड़ी के खिलौने, पत्थर की मूर्तियां, जरी जरदोजी, सजर पत्थर, चमड़े के विभिन्न उत्पादों, सॉफ्ट टॉयज, चितेरी आर्ट, चंदेरी एंब्रायडरी, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, पेपर वर्क, कागज के उत्पादों के 50 स्टॉल लगाए जाने थे। हालांकि यह अपेक्षा किन्हीं कारणों के चलते पूरी न हो सकी। यह मेला प्रत्येक दिन पूर्वाह्न 11 बजे से लेकर रात 9 बजे तक चलना तय हुआ था। बाद में इसका समय बदलते हुए 11 से शाम 5 बजे तक कर दिया गया। यही नहीं सुरक्षा का हवाला देते हुए मेले के सामने वाला बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय का द्वार भी बंद कर दिया गया है। इससे लाेगाें काे मेले में आने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है।

व्यापारिक संगठनों को जानकारी तक नहीं

उप्र व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय पटवारी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए इतनी बड़ी और अहम पहल की है लेकिन खेद का विषय है कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रशासन ने व्यापारियों व उद्यमियों को इसकी जानकारी देना तक उचित नहीं समझा। यह सरासर व्यापारियों व सरकार की इस महत्वपूर्ण पहल की अनदेखी व अपमान है।

इनका है कहना

इस संबंध में कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि पहले दिन जारी किया गया समय 11 बजे से 9 बजे तक की जानकारी उन्हें नहीं थी। सुरक्षा के कारणों से यह समय 5 बजे तक किया गया है। जबकि मेले के सामने वाले द्वार के बंद होने के जवाब में उन्होंने कहा कि बाहरी अराजक तत्वों को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया

   

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