अजमेर, 30 सितंबर(हि.स.)। करीबन एक सप्ताह की खामोशी के बाद अजमेर में मंगलवार अल सुबह अचानक मौसम पलटा। काले घने बादलों ने समूचा आसमान घेर लिया। अल सुबह साढ़े पांच बजे तेज बूंदाबांदी शुरू हुई जो 8 बजे के आसपास मोटी बौछारों के साथ झमाझम बरसात में बदल गई। वातावरण में जरूर तरावट महसूस हुई पर मन में प्रसन्नता के बजाय खिन्नता बढ़ गई। पिछले दो दिनों से पड़ रही तेज घूप से लोग राहत महसूस कर रहे थे। मानसून की विदाई के बाद लोगों ने घरों पर बिस्तर व अन्य खाद्य सामनों को घूप दिखाना शुरू कर दिया था कि मौसम फिर पलट गया।
सुबह सबेरे भ्रमण पर जाने वाले लोग घरों में ही ठिठक गए। नवरात्र के चलते यूं भी इनदिनों घरों में पहले की अपेक्षा सुबह जल्दी जाग हो रही है। मंगलवार को नवरात्र की अष्टमी पूजा के दृष्टिगत घरों में पूजा तैयारियों में तनिक विध्न महसूस किया गया। घरों में साफ सफाई और लिपाई पुताई के कार्य भी इन दिनों तेज गति से होने के मध्यनजर लोगों को इस बरसात ने तकलीफ में डाल दिया। करीब एक डेढ़ घंटे की झमाझम बरसात से नालों में पानी का बहाव तेज हो गया। सड़कों पर पानी जमा हो गया। मानसून की विदाई के बाद नगरीय विकास कार्यों ने रफ्तार पकड़ी ही थी कि बरसात ने सारे निर्माण सामग्री को भिगो कर रख दिया।
इधर, मंदिरों व पूजा पांडालों में व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई। सड़क किनारे बांस और कागज के रावण के पुतले बनाने वाले गरीब परिवारों को इस बरसात से खासा नुकसान हो गया। दशहरा पर कुछ कमाने के नजरिए से उन्होंने कागज बांस के रावण के छोटे बड़े पुतले बनाकर सड़क किनारें ही रखे हुए थे। बरसात में सब भीग गए। आफिस जाने वाले कर्मचारियों को सुबह काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष



