ईंट भट्टों में धान की पराली से बने गोलों का प्रयोग करे हरियाणा और पंजाब सरकारः सीएक्यूएम

नई दिल्ली, 03 जून (हि.स.)। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता खराब करने वाली धान की पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। आयोग ने हरियाणा और पंजाब की राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे एनसीआर से बाहर के जिलों में स्थित सभी ईंट भट्टों में धान की पराली से बने गोलों, ईंटों (ब्रिकेट्स) का उपयोग अनिवार्य करें। इसके साथ ही एक नवंबर 2028 तक धान की पराली से बने ईंटों का जलावन के रूप में 50 प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

मंगलवार को आयोग ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि आयोग का लक्ष्य फसल अवशेषों को खुले में जलाने की प्रथा को पूरी तरह से रोक देना और औद्योगिक क्षेत्र में स्वच्छ और टिकाऊ ईंधन विकल्पों को बढ़ावा देना है।

धान की पराली से बने गोलों, ईंटों का जलावन के रूप में 50 प्रतिशत तक उपयोग बढ़ाने के उद्देश्य से, वैधानिक निर्देश हरियाणा और पंजाब राज्य सरकारों को जारी किया गया है। इसके अलावा, इन निर्देशों के अनुपालन की दिशा में की गई कार्रवाई से हर महीने आयोग को अवगत कराना भी जरूरी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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