पानीपत:विदेश में रह रहे युवक का भाई ने बनवाया फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस,आरोपी गिरफ्तार

पानीपत, 5 नवंबर (हि.स.)। पानीपत थाना शहर पुलिस ने विदेश में रह रहे गांव रेर कलां गांव निवासी एक व्यक्ति का फर्जी तरीके से लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने मामले में आरोपी छोटे भाई को गिरफ्तार किया है। थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर दीवान सिंह ने बताया कि गांव रेल कलां निवासी सुभाष ने गत जुलाई माह में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दी थी। उन्हाेंने बताया था कि पानीपत एसडीएम कार्यालय में तैनात ड्राइविंग लाइसेंस क्लर्क अंकित ने दलालों के साथ मिलकर रेर कलां गांव निवासी सुभाष पुत्र लछमन का फर्जी तरीके से लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाया है। 48 वर्षीय सुभाष 20 साल से विदेश में रह रहा है। इसका लाइसेंस बनवाने में फर्जी मेडिकल भी कराया है। जिस पर डॉक्टर के फोटो सत्यापित करने बारे हस्ताक्षर हैं।

40 साल के पश्चात बगैर व्हीकल के लाइसेंस नहीं बनाया जा सकता। लाइसेंस क्लर्क अंकित ने लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय फाइल में लगी फोटो व सामने खड़े व्यक्ति की फोटो चैक की हुई दिखाई है। फाइल पर लगे दस्तावेजों को चैक कर वैरिफाई की मोहर लगाकर इसके साथ शामिल कंप्यूटर ऑपरेटर अमित को दे दी। जिस पर अमित ने फाइल को ठीक मानकर चैक करके वापस अंकित से मिले दलाल को दे दी। फिर अंकित व अमित ने मिलकर स्टॉल टेस्ट पास करवाने के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर रवि आईडीटीआर को रेडक्रॉस क्लॉस की फीस काटवाई। रवि ने भी अंकित व अमित से मिलकर फर्जी तरीके से क्लास पास करवाई। इन्होंने दलाल को स्टाल टेस्ट पर बैठा कर टेस्ट पास किया। उपरोक्त सभी ने मिलकर भ्रष्टाचार में शामिल होकर विदेश में बैठे व्यक्ति का 30 अगस्त 2024 को लर्निंग लाइसेंस बनवाया। इसके बाद पक्का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए 28 जनवरी 2025 को फीस कटवाई। इसी दौरान लाइसेंस क्लर्क अंकित कि ट्रांसफर हो गई।

उक्त सभी ने भ्रष्टाचार में शामिल होकर विदेश में बैठे सुभाष पुत्र लछमन का लर्निंग लाइसेंस फर्जी दस्तावेज के तहत बनाया है। सुभाष की शिकायत पर थाना शहर में अभियोग दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी। प्रभारी इंस्पेक्टर दीवान सिंह ने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच करते हुए फाइल में लगे दस्तावेज की जांच पड़ताल की तो मेडिकल सर्टिफिकेट फर्जी मिला। इसके साथी ने लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में जिस मोबाइल नंबर का प्रयोग किया गया वह सुभाष के छोटे भाई देवीलाल का मिला। इस नंबर पर ही वेरिफिकेशन के सभी ओटीपी गए थे। पुलिस ने दर्ज मामले में मंगलवार रात को आरोपी देवीलाल को गांव रेर कलां से गिरफ्तार किया।

पूछताछ में आरोपी देवीलाल ने विदेश में रह रहे अपने बड़े भाई सुभाष का ड्राइविंग लर्निंग लाइसेंस गांव निवासी सुभाष से एक लाख रुपये में बनवाने बारे स्वीकारा। आरोपी ने पूछताछ में पुलिस को बताया उसका बड़ा भाई सुभाष 20 साल पहले टूरिस्ट वीजा पर इंग्लैंड गया था और बाद में वहीं पर छुप कर रहने लगा। अब वह वैध तरीके से भारत वापस नहीं आ सकता था। इसके लिए दस्तावेज की जरूरत थी।

उसने भाई का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए गांव के सुभाष से बात की। सुभाष ने एक लाख रुपये में सौदा तय कर 50 हजार रुपये एडवांस खाते में ले लिए थे। इसके बाद लाइसेंस बनवाने के लिए भाई की दसवीं कक्षा की मार्कशीट, वोटर कार्ड व पुराना पासपोर्ट व फोटो ले गया। ऑनलाइन लाइसेंस एप्लाई करते समय व बाद में उसके मोबाइल नंबर पर ओटीपी आए थे जो उसने बता दिए थे।

प्रभारी इंस्पेक्टर दीवान सिंह ने बताया कि पुलिस ने बुधवार को आरोपी देवीलाल को न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल वर्मा

   

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