कोलकाता में पूर्वी कमान का विजय दिवस कर्टन रेजर कार्यक्रम, बाइक रैली से दी गई वीरों को श्रद्धांजलि

कोलकाता, 07 दिसंबर (हि. स.)। विजय दिवस 2025 के मुख्य समारोह से पहले पूर्वी कमान ने रविवार को विजय दुर्ग स्थित अपने मुख्यालय में एक भव्य कर्टन रेजर कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम की शुरुआत विजय दिवस के सम्मान में निकाली गई बाइक रैली से हुई, जिसमें 142 बाइकर्स ने हिस्सा लिया। ये सभी बाइकर्स उत्तर बंगाल से लगातार राइड करते हुए कोलकाता पहुंचे और महानगर में करीब 25 किलोमीटर लंबी रैली निकाली। रैली का नेतृत्व ईस्टर्न कमान के कमांडर इन चीफ रामचंद्र तिवारी ने किया।

मुख्य कार्यक्रम में 1971 के युद्ध में वीरगति प्राप्त भारतीय जवानों और बांग्लादेशी मुक्तियुद्धाओं को जीओसी रामचंद्र तिवारी ने श्रद्धांजलि दी। इसके पहले तीन नागरिक और फौज की ओर से तीन लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पूर्वी कमान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में युद्ध के ऐतिहासिक महत्व को याद किया गया और भारत की निर्णायक विजय के उन क्षणों को पुनर्स्मरण किया गया, जिनकी गूंज आज भी दोनों देशों की साझी विरासत में महसूस होती है।

दरअसल, 1971 के नौ माह लंबे युद्ध के दौरान भारत ने बांग्लादेश को नैतिक, कूटनीतिक और सामग्री सहयोग प्रदान किया। उस समय करीब एक करोड़ लोग बांग्लादेश से निकलकर भारत आए थे, उस कठिन दौर में भारत ने उन्हें आश्रय देने का मानवीय कार्य किया।

कार्यक्रम में मौजूद सैन्य अधिकारियों ने 1971 के युद्ध को लोगों की आकांक्षाओं और भारतीय सेना की निर्णायक सैन्य कार्रवाई का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।

भारत की सैन्य इतिहास में सबसे तेज और निर्णायक अभियानों में गिने जाने वाले इस युद्ध के परिणामस्वरूप एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म हुआ। युद्ध के अंत में पाकिस्तान के जनरल एएके नियाज़ी ने 93 हजार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था, जो विश्व युद्धों के बाद अब तक का सबसे बड़ा सैन्य सरेंडर माना जाता है।

रविवार को आयोजित कार्यक्रम ने विजय दिवस 2025 के आगामी आयोजनों की पृष्ठभूमि तैयार कर दी है, जहां 1971 के युद्ध के नायकों के साहस, बलिदान और ऐतिहासिक विजय को एक बार फिर सम्मानपूर्वक याद किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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