भागलपुर विधानसभा, क्या लगातार चौथी बार अजीत शर्मा को विधायक बनने से रोक पाएंगे रोहित
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- Nov 05, 2025

भागलपुर, 5 नवंबर (हि.स.)। बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार भागलपुर की सीट काफी चर्चा में है। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के तीन बार से विधायक रहे अजीत शर्मा और भाजपा के रोहित पांडे के बीच देखा जा रहा है।
हालांकि भाजपा से रोहित पांडे को टिकट मिलने के बाद यहां कई लोगों ने बागी तेवर अपनाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी थी। लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं ने हस्तक्षेप कर इस मसले को सुलझा लिया है। फिर भी भीतरघात की चिंता पार्टी को सता रही है। हलांकि बाहर के खाने में सबकुछ बदला बदला सा दिख रहा है। पार्टी के सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर कदमताल कर रहे हैं।
पटना से लेकर दिल्ली तक के रणनीतिकारों ने भागलपुर में डेरा डाल दिया है। भाजपा के युवा चेहरा रोहित पांडेय फिर से मैदान में हैं, और उनके सामने हैं कांग्रेस के अनुभवी खिलाड़ी अजीत शर्मा, जो लगातार तीन बार से इस सीट पर कब्जा जमाए हुए हैं। वैसे और कई चेहरे इस दंगल में हैं परंतु सबके सब कागज की नाव के मांझी साबित हो रहे हैं। अब सवाल यह है कि क्या रोहित इस बार अजीत को चौका मारने से रोक पाएंगे, क्या अजीत शर्मा को चौथी बार जीत हासिल करने से रोक पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले चुनावों में संगठन के भीतर की मनमुटाव और खींचतान ने भाजपा को सिरदर्द दिया था, जिसके कारण चेहरे बदलने के बावजूद पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इस बार हालात कुछ बदले बदले नजर आ रहे हैं। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आगामी 6 नवंबर को भागलपुर आएंगे।
संगठन के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और स्थानीय कार्यकर्ता सब एक ही नारे पर जुटे हैं अबकी बार, भागलपुर में कमल खिलना तय है। पिछले चुनाव में यह देखा गया था कि यहां मतदान का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम रहा। खासकर भाजपा के मजबूत बूथों पर मतदान की सुस्ती परिणाम पर असर डालती रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं को इस बार इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उधर कांग्रेस के अजीत शर्मा अपनी परंपरागत पकड़ और लोकप्रियता पर भरोसा जता रहे हैं और जीत का चौका लगाने को आतुर हैं।
शहर के बीचोंबीच से लेकर वार्डों तक उनका जनसंपर्क नेटवर्क अब भी मजबूत माना जाता है। उनकी तुरुप का पत्ता अभिनेत्री बेटी नेहा शर्मा जैसे ही चुनाव प्रचार में उतरती हैं, चुनावी मैदान का रंग बदल उठता है। रोड शो जैसे धारदार नुस्खे विरोधियों को चारों खाने चित कर देते हैं। युवा वोटर नेहा के हवाई इशारों पर झूम उठते हैं। उनके समर्थकों का कहना है, अजीत जी हर वक्त मैदान में दिखते हैं। वहीं, विरोधियों का तर्क है कि मतदाता इस बार बदलाव के मूड में हैं। लेकिन इस बार जीत किसकी होगी उसका पटाक्षेप 14 नवंबर को हो जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर



