लंबी लड़ाई के बाद NH-233 के किसानों को मिलने लगा मुआवजा, निर्माण कार्य शुरू
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- Dec 09, 2025

जौनपुर , 9 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में वाराणसी, आजमगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग-233 के लिए अधिग्रहीत जमीन के मुआवजे काे लेकर किसानाें का चल रहा विराेध थमता नजर आ रहा है। पूर्वांचल किसान संगठन के नेता अजीत सिंह ने मंगलवार को कहा कि वाराणसी, आजमगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग-233 के निर्माण के लिए अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा न मिलने से पिछले 12 वर्षों से आंदोलित किसानों को आखिरकार अब उनके जमीनों का मुआवजा मिलना शुरू हो गया है। लंबे संघर्ष और कानूनी लड़ाई के बाद किसानों के खातों में मुआवजा राशि पहुंचनी शुरू हो गई है।
इसी क्रम में बिहद्दर गांव के किसान राजेंद्र प्रसाद के खाते में 11,96,800 रुपये की पहली किस्त भेजी गई, जिसके बाद किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई। किसान राजेंद्र प्रसाद को पूर्वांचल किसान संगठन ने कार्यालय पर सम्मानित किया और मिठाई खिलाकर जश्न मनाया। करीब 20 गांवों के किसान वर्षों से मुआवजा वितरण में असमानता को लेकर संघर्षरत थे। मामला तहसील से जिला कोर्ट और फिर हाई कोर्ट तक चला। अंततः लंबी प्रक्रिया के बाद किसानों और जिला प्रशासन के बीच सहमति बनी और मुआवजे की दर तय की गई। अब मुआवजा मिलना शुरू होने से लगभग 16 किमी रुका हुआ मार्ग निर्माण भी तेज़ी से आगे बढ़ने का रास्ता खुल गया है।
सपा सांसद पर भड़के किसान नेता..
किसान नेता अजीत सिंह डोभी ने यह भी आरोप लगाया कि क्षेत्र के सपा विधायकों और सपा सांसदों ने संघर्ष के दौरान कभी मौके पर पहुंचकर उनकी बात नहीं सुनी। उनका कहना था, आज जब खाना बन गया, तभी लोग अपना गाना गा रहे हैं। सड़क निर्माण कार्य एक महीने पहले ही शुरू हो चुका है, लेकिन किसानों का स्पष्ट कहना है कि काम इसलिए रुका था क्योंकि उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया था। अब जब मामला सुलझ गया है और मुआवजा मिलना शुरू हो गया है, किसान संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं और सड़क का सपना आखिर पूरा होता दिख रहा है। किसानों ने केंद्र व यूपी सरकार को धन्यवाद किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र कुमार मिश्र



