ठगुआ सरकार ने 1932 आधारित नियोजन नीति पर भी जनता को ठगा: प्रतुल

रांची, 09 दिसंबर (हि.स.)। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया कि 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति का वादा कर हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड के आदिवासी और मूलवासी समुदाय को ठगा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ठगुआ सरकार है। छह वर्षों की सत्ता के बावजूद सरकार एक भी स्थानीय नियोजन नीति नहीं ला सकी।

प्रतुल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मंगलवार को कहा कि न कटऑफ डेट घोषित हुई, न खतियान आधारित नीति बनी और न ही युवाओं को कोई स्पष्ट दिशा मिली। प्रतुल ने कहा कि सरकार केवल आश्वासन देती है और बाद में उस पर मौन साध लेती है।

उन्होंने कहा कि 2012 से ही झामुमो खतियान आधारित नीति पर राजनीति कर रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि यही मुद्दा उठाकर हेमंत सोरेन ने 2012 में अर्जुन मुंडा सरकार से समर्थन वापस लिया था, लेकिन 2025 तक भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

उन्होंने कहा कि छह वर्षों तक मुख्यमंत्री रहने के बाद भी नीति के नाम पर शून्य उपलब्धि सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करती है। बेरोजगार युवा पूछ रहे हैं कि जिस नीति को लेकर 2012 में बड़ा फैसला लिया गया, उसी पर छह वर्ष की सत्ता में काम क्यों नहीं किया गया।

प्रतुल ने 75 प्रतिशत ठेका स्थानीय लोगों को देने के वादे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय किए गए वादों के विपरीत अब ऐसी शर्तें टेंडर में शामिल की जा रही हैं, जिनसे स्थानीय कंपनियों के लिए भागीदारी ही मुश्किल हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि वोट लेने के बाद सरकार के सुर बदल गए और बार-बार यू टर्न लेने में इस सरकार का कोई मुकाबला नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे