एनएचएआई, एनएच टू टोल-वे ने चालीस छात्राओं को दी साइकिल

वाराणसी, 09 दिसम्बर (हि. स.)। वाराणसी के डाफी स्थित प्राइमरी स्कूल में एनएचएआई और वाराणसी–औरंगाबाद एनएच टू टोल-वे ने कम्पोजिट स्कूल सुंदरपुर, प्राइमरी स्कूल नैपुरा डाफी और कम्पोजिट स्कूल नवीन रामनगर की चालीस छात्राओं को 40 साइकिलें प्रदान कीं। कार्यक्रम में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से आईएएस विशाल चौहान, एन एल येओतकर क्षेत्रीय अधिकारी बिहार, पंकज कुमार मौर्य क्षेत्रीय अधिकारी-यूपी पूर्व, आर के वर्मा प्रोजेक्टर निदेशक पीआईयू सासाराम, आर के वर्मा परियोजना निदेशक पीआईयू सासाराम, अरुण कुमार परियोजना निदेशक पीआईयू और वाराणसी के कमिश्नर एस राजलिंगम शामिल थे।

इस अवसर पर आईएएस विशाल चौहान ने कहा कि “हर नागरिक, विशेष रूप से युवा लड़कियों के लिए सुरक्षित, सुलभ और समान आवाजाही सुनिश्चित करना एनएचएआई की राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे समुदाय के विकास के प्रति प्रतिबद्धता का मुख्य हिस्सा है। वाराणसी औरंगाबाद एनएच-टू टोल वे प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उठाया गया यह कदम सराहनीय है, क्योंकि यह आने-जाने की बाधाओं को दूर कर छात्राओं को सशक्त बनाता है और उन्हें आत्मविश्वास के साथ शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। ऐसी साझेदारियों को मजबूत करने से हमें उन समुदायों के जीवन में सार्थक, दीर्घकालिक प्रभाव डालने में मदद मिलती है जिनकी हम सेवा करते हैं। मैं इस पहल का हिस्सा बनकर खुश हूँ और सभी को ऐसे ही जन-केंद्रित कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ।“

रोडीज के हेड ऑफ ऑपरेशन्स अश्विनी शर्मा ने कहा कि वीएएच में, हम मानते हैं कि बुनियादी ढांचे का मतलब सिर्फ सड़कें बनाना नहीं है, बल्कि यह अवसरों का रास्ता बनाना भी है। यह साइकिल दान पहल हमारे कॉरिडोर के किनारे के समुदायों में युवा लड़कियों की सुरक्षित आवाजाही और उनके शैक्षिक सपनों का समर्थन करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जब किसी बच्चे में हर दिन स्कूल पहुँचने का आत्मविश्वास और साधन होता है, तो यह एक मजबूत और समान भविष्य की नींव रखता है। यह साइकिल वितरण अभियान वीएएच के चल रहे ‘शिक्षांत्र प्लस’ कार्यक्रम का विस्तार है। यह कार्यक्रम भारत के 10 स्कूलों में लागू है, जिनमें वाराणसी के तीन स्कूल भी शामिल हैं। ‘शिक्षांत्र प्लस’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों के सर्वांगीण विकास और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। यह शैक्षणिक ढाँचे में सुधार करता है, डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देता है, सीखने के परिणामों को बेहतर बनाता है और सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करता है।

हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र