पश्चिम मेदिनीपुर की मतदाता सूची में अव्यवस्था का खुलासा

पश्चिम मेदिनीपुर, 09 दिसंबर (हि. स.)। जिले में मतदाता सूची को लेकर अभूतपूर्व गड़बड़ियां सामने आई हैं, जिसने आगामी विधानसभा चुनावों से पूर्व प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। नवीनतम समीक्षा में पता चला है कि जिलेभर में 44 हजार मतदाता ‘लापता’ या बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए हैं, जिन्हें प्रशासन ने ‘एब्सेंट वोटर’ की श्रेणी में रखा है।

सबसे गंभीर स्थिति खड़गपुर क्षेत्र की है, जहां अकेले 25 हजार से अधिक मतदाता एब्सेंट के रूप में दर्ज हैं। वहीं मेदिनीपुर शहर में भी तकरीबन पांच हजार मतदाता सूची से गायब पाए गए हैं।

जिले में मृत मतदाताओं के नामों को सूची से हटाने में भी भारी लापरवाही उजागर हुई है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 84 हजार 400 मृत व्यक्तियों के नाम अब भी मतदाता सूची में दर्ज हैं। इससे चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका बढ़ गई है।

चुनाव विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर एब्सेंट और मृतक नामों की मौजूदगी यह दर्शाती है कि मतदाता सूची का नियमित सत्यापन और अद्यतन गंभीर रूप से प्रभावित है। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक उपेक्षा को रेखांकित करती है, बल्कि चुनावी गड़बड़ियों की संभावनाओं को भी जन्म देती है।

चुनाव आयोग और जिला प्रशासन पर अब दबाव बढ़ गया है कि वे मतदाता सूची का त्वरित पुनरीक्षण कराए, ताकि केवल वैध और सक्रिय मतदाता ही आगामी चुनाव में भाग ले सकें। विशेषज्ञ मानते हैं कि डिजिटल साधनों का अधिक उपयोग, स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान और नियमित सत्यापन से इस प्रकार की अनियमितताओं पर अंकुश लगाया जा सकता है।

2026 में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रशासन की अगली कार्रवाई पर सबकी नजर है, क्योंकि मतदाता सूची की विश्वसनीयता को चुनावी प्रक्रिया की सफलता का अहम आधार माना जाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता