

जयपुर, 9 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को फिर बम से उडाने की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया। वहीं बम की धमकी मिलने के बाद पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। साथ ही पुलिस टीम के साथ ही बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड की मदद से चप्पे-चप्पे की जांच की गई। हालांकि जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने राहत की सांस ली।
पुलिस उपायुक्त जयपुर दक्षिण राजर्षि राज के मुताबिक मंगलवार सुबह करीब 9 बजकर 43 मिनट पर रजिस्ट्रार सीपीसी को एक और धमकी भरा मेल मिला। जिसके बाद तुरंत राजस्थान हाई कोर्ट की बिल्डिंग खाली करा ली गई। धमकी मिलते ही बम स्क्वॉड, डॉग स्क्वॉड और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। करीब ढाई घंटे तक सघन तलाशी अभियान चला। इस दौरान सभी सुनवाई स्थगित रहीं। जिससे अदालत का काम पूरी तरह से प्रभावित हुआ। दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर जांच एजेंसियों ने बिल्डिंग को सुरक्षित घोषित किया। लेकिन कोई विस्फोटक नहीं मिला।
डीसीपी दक्षिण के मुताबिक इंटरनेट पर इतने तरीके की चीजें उपलब्ध हैं कि उनका अच्छे और बुरे दोनों कामों के लिए इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे ही कुछ एप्लिकेशन का उपयोग करके अपनी पहचान छुपाई जा सकती है। ऐसी चीजों तक पहुंचने में समय लगता है। भले ही जांच में समय लग रहा है। लेकिन आखिरकार इस तरह दहशत फैलाने वाले पकड़े जाएंगे।
अतिरिक्त कमिश्नर (अपराध) मनीष अग्रवाल ने बताया कि इस तरह की घटनाओं के पीछे दहशत फैलाने की मंशा रहती है। लगातार धमकियां देने वाले लोगों तक पहुंचने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। हाईकोर्ट परिसर में इससे पहले 5 दिसंबर और 8 दिसंबर को भी ईमेल भेजकर बम की धमकी दी गई थी। हम अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। वहीं हाईकोर्ट में 3 दिसंबर के बाद से मिली धमकियों को लेकर मुकदमे दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इसे लेकर हम बेहतर तकनीकी सपोर्ट जुटा रहे हैं। जो भी धमकी भरे ईमेल भेज रहे हैं, उन तक पहुंचने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। वहीं इसके पीछे जो भी लोग हैं। उनका मकसद दहशत फैलाना है। ऐसे लोगों को चिह्नित करने के लिए सभी पहलुओं पर काम किया जा रहा है। जब भी ऐसे धमकी भरे मेल आए हैं। हमने कड़ी जांच करवाई है। आगे भी जांच अभियान जारी रहेगा ताकि ऐसी कोई घटना नहीं हो।
हाईकोर्ट चौकी प्रभारी सुमेर सिंह ने बताया कि बम धमाके की धमकी भरा ई-मेल मिलने के बाद उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई थी। पूरे हाईकोर्ट परिसर को खाली कराया। न्यायाधीशों ने सुनवाई बीच में रोकी। जजों को पास के विधिक सेवा प्राधिकरण के भवन में भेजा गया। हाईकोर्ट के मुख्य परिसर से न्यायिक कर्मचारियों, अधिवक्ताओं व पक्षकारों को बाहर निकाला। किसी भी अनहोनी ने निपटने के लिए फायर बिग्रेड और एंबुलेंस तैनात की।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार फर्जी ईमेल भेजने वाले की पहचान के लिए साइबर सेल को जांच सौंपी है। प्रशासनिक स्तर पर भी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने, प्रवेश-निरीक्षण बढ़ाने और निगरानी प्रणाली को आधुनिक बनाने पर विचार किया जा रहा है।
बम की धमकियों के कारण लगातार कोर्ट का काम प्रभावित हो रहा है। इससे वकीलों और जजों में नाराजगी है। पुलिस अभी तक मेल करने वाले को ट्रेस नहीं कर पा रही है। जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के पूर्व अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने बताया कि कि हाईकोर्ट परिसर में सुरक्षा के माकूल इंतजाम हैं। लेकिन बीते डेढ़ माह में चार बार बम से उड़ाने के मेल मिल चुके हैं। जांच एजेंसियां अभी तक पता नहीं कर पाई कि मेल कहां से आए हैं। हर बार मेल मिलने के बाद मुकदमों की सुनवाई बीच में बंद करनी पड़ी। कोर्ट खाली करा लिए जाते हैं। इससे भय का माहौल पैदा होता है। साथ ही मुकदमों की सुनवाई भी प्रभावित होती है। राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर में सोमवार आठ दिसम्बर को धमकी भरे ई-मेल भेजने के मामले में अशोक नगर थाना पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई। राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर के न्यायाधिकारी नवल किशोर मित्तल ने मामला दर्ज करवाया है।
गौरतलब है कि बीते पांच दिन में यह तीसरा मौका है। जब कड़ी सुरक्षा वाले हाईकोर्ट में बम की धमकी मिली है। चालीस दिन में बम की धमकी मिलने का यह चौथा मामला है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश



