चावल डायवर्जन घोटाले का पर्दाफाश, तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर : क्राइम ब्रांच
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- Dec 09, 2025
श्रीनगर, 09 दिसंबर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा ने चावल डायवर्जन घोटाले का पर्दाफाश करने के बाद खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों विभाग के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
एक बयान में आर्थिक अपराध शाखा के प्रवक्ता ने कहा कि आरोप पत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सोपोर की अदालत के समक्ष धारा 409, 420 और 120-बी आरपीसी के तहत एफआईआर संख्या 07/2020 के मामले में प्रस्तुत किया गया है। आरोपिताें की पहचान सिराज-उद-दीन भट (तत्कालीन टीएसओ पीईजी बारामुल्ला) पुत्र मोहम्मद सिद्दीक भट निवासी वारीपोरा सफापोरा गंदेरबल; मोहम्मद हुसैन भट (तत्कालीन टीएसओ/स्टोरकीपर ह्यगाम ग्रैनरी) पुत्र अब्दुल रहीम भट निवासी किचलू काजीपोरा हंदवाड़ा और मोहम्मद शफी राथर उर्फ शफी कांडा (तब टीएसओ ह्यगाम ग्रैनरी) पुत्र मोहम्मद सुल्तान राथर निवासी वानीगाम पट्टन के रूप में हुई है।
उन्होंने कहा कि यह मामला एफसीएसएंडसीए डायरेक्टरेट से मिले एक कम्युनिकेशन से शुरू हुआ, जिसमें ह्यगाम और बारामूला (सेंटर डी) ग्रेनरी से चावल की संदिग्ध हेराफेरी का संकेत था। इन इनपुट्स पर कार्रवाई करते हुए एक जांच शुरू की गई और एसएसपी क्राइम ब्रांच कश्मीर ने अनाज की खेपों के डिस्पैच और रसीदों की असलियत की जांच पड़ताल करने के लिए एक जॉइंट औचक जांच (जेएससी) का आदेश दिया था।
जेएससी ने बड़ी गड़बड़ियों का पता लगाया। एफसीआई अधिकारियों और टीएसओ पीईजी बारामूला की देखरेख में पीईजी (प्राइवेट एंटरप्रेन्योर्स गारंटी स्कीम) बारामूला से भेजे गए चावल के सात ट्रक दिखाए गए थे। चालान में गलत तरीके से इन खेपों को ह्यगाम ग्रेनरी में मिला हुआ दिखाया गया और बाद में वगूरा, नौपोरा, कथिगन जठियार, कलंत्रा और दंडमोह के सेल सेंटरों में बांटा गया। लेकिन इन सभी सेल सेंटर्स ने ऐसा कोई स्टॉक मिलने से साफ़ मना कर दिया और उनके ऑफिशियल रिकॉर्ड ने इस इनकार को सही ठहराया।
आगे की जांच से पता चला कि चालान असिस्टेंट स्टोरकीपर पलहल्लन पट्टन मोहम्मद शफी राथर ने सिराज-उद-दीन भट से धोखे से खरीदे थे और बाद में टीएसओ ह्यगाम मोहम्मद हुसैन भट के ज़रिए मैनेज किए गए थे।
जांच से पता चला कि आरोपित अधिकारियों ने एक-दूसरे के साथ और एफसीआई बारामूला के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर बड़ी मात्रा में चावल की हेराफेरी की जिससे सरकारी खजाने को काफी पैसे का नुकसान हुआ। बहुत सारे मौखिक और डॉक्यूमेंट्री सबूतों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित हो गए हैं। इसलिए सेक्शन 173 सीआरपीसी के तहत चार्जशीट न्यायिक फैसले के लिए सक्षम अदालत में जमा कर दी गई है।------------------
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह



