राज्यों को उर्वरक विक्रेताओं की जमाखोरी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए : नड्डा

नई दिल्ली, 09 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि केंद्र ने हर जगह समय पर उर्वरक पहुंचाया है, लेकिन विक्रेताओं द्वारा जमाखोरी एक समस्या है जिससे राज्यों को निपटना होगा। मंगलवार को राज्य सभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा नेता किरण चौधरी के सवाल का जवाब देते हुए नड्डा ने इस दावे का खंडन किया कि भारत में 90 प्रतिशत उर्वरक चीन से आते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान झूठे हैं। सदन के अंदर एक सदस्य को यह कहते हुए सुना जा सकता है, 90 प्रतिशत से अधिक विशेष उर्वरक, लेकिन यह सच नहीं है।

भाजपा की किरण चौधरी ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार उर्वरकों की ज़रूरत का बेहतर आकलन करने के लिए फ़सल के रकबे से संबंधित उपग्रह डेटा को एकीकृत करने की योजना बना रही है। इस सवाल का जवाब देते हुए जे.पी. नड्डा ने कहा कि सरकार वर्तमान में एकीकृत उर्वरक निगरानी प्रणाली के आधार पर उर्वरक की ज़रूरतों पर नज़र रखती है, जिससे पारदर्शी और वास्तविक समय पर निगरानी संभव होती है। नड्डा ने कहा कि राज्यों को निर्माताओं, उत्पादकों और निर्यातकों के साथ सीधे संपर्क में रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें समय पर अपना ऑर्डर देना चाहिए। डायवर्जन, जमाखोरी और ज़्यादा कीमत के संबंध में, उन्होंने कहा कि राज्यों को घटिया उत्पादों के वितरण के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है।

नड्डा ने बताया कि राज्यों को ऐसे मामलों में कार्रवाई का अधिकार है, लेकिन केंद्र भी आवश्यक वस्तु अधिनियम और फ़र्टिलाइज़र कंट्रोल ऑर्डर के तहत कार्रवाई करता है।

नड्डा ने बताया कि सिर्फ कालाबाजारी के मामले में 5,058 शो-कॉज नोटिस जारी किए गए, 442 एफआईआर दर्ज हुईं और 3,732 लाइसेंस रद्द किए गए। जमाखोरी के मामलों में 687 नोटिस, 202 लाइसेंस निरस्तीकरण और 446 एफआईआर दर्ज हुई हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी