कूचबिहार रैली में ममता बनर्जी का केंद्र पर तीखा प्रहार, मनरेगा से जुड़ा पत्र फाड़ा
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- Dec 09, 2025
कोलकाता, 09 दिसंबर (हि.स.)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को लेकर केंद्र और राज्य के बीच टकराव मंगलवार को और गहरा गया, जब तृणमुल कांग्रेस सुप्रीमाे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूचबिहार की रैली में केंद्र सरकार द्वारा भेजा गया पत्र मंच पर ही फाड़ दिया। यह पत्र मनरेगा से जुड़े नए निर्देशों से संबंधित था। ममता ने इन शर्तों को “अपमानजनक” बताया और कहा कि बंगाल इन्हें किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेगा।
दो दिवसीय जिला दौरे के दूसरे दिन एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में राज्य को एक नया पत्र भेजा है, जिसमें धन जारी करने के लिए कई नई शर्तें लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि इन शर्तों में त्रैमासिक श्रम बजट पेश करना, हर ग्राम पंचायत में सिर्फ 10 लोगों को काम देना, प्रशिक्षण देना और जमीन से जुड़े कामों पर रोक जैसे निर्देश शामिल हैं। ममता ने सवाल उठाया कि दिसंबर में श्रम बजट बनाना कैसे संभव है।
मुख्यमंत्री ने सभा में कहा कि यह कागज हमारे लिए बेकार है। बंगाल फिर सत्ता में आएगा और अपनी शर्तों पर 100 दिन काम योजना चलाएगा। हमें किसी की दया की जरूरत नहीं है। इसके बाद उन्होंने वह पत्र मंच पर ही फाड़ दिया और कहा कि यह राज्य का अपमान है, इसलिए इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर पिछले चार वर्षों से मनरेगा के लिए धन जारी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि आवास योजना और ग्रामीण सड़कों के लिए भी धन रोक दिया गया है। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि वर्ष 2011 के बाद से बंगाल को 100 दिन काम योजना में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। उन्होंने सवाल किया, “क्या अच्छा काम करना जुर्म है?”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद दिल्ली जाकर धनराशि जारी करने की मांग कर रहे थे, तब उनके खिलाफ केस दर्ज किए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कल्याणकारी योजनाओं और श्रम नीतियों को रोकने के नाम पर राज्य को लगातार दबाव में रखने की कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल अपने बल पर खड़ा है और किसी भी तरह की दया या कृपा को स्वीकार नहीं करेगा।------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर



