कानून कमजोर नहीं है, लेकिन महिलाएं अपनी इच्छा शक्ति रखें मजबूत : ममता कुमारी

धर्मशाला, 09 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी की अध्यक्षता में मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय के सभागार में आयोग आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जिला स्तरीय जनसुनवाई में महिलाओं की शिकायतों को सुना गया जिसमें संबंधित अधिकारियों को आयोग की सदस्य ममता कुमारी द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए।

इस अवसर पर आयोग के समक्ष 25 पंजीकृत शिकायतें एवं 5 नई शिकायत प्रस्तुत की गई, जिन पर आयोग की सदस्य ने गंभीरता से सुनवाई कर संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि सभी महिलाएं दिल्ली स्थित आयोग कार्यालय नहीं पहुंच पातीं, इसलिए जिला स्तर पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का सशक्त होना ही देश की प्रगति का आधार है।

ममता कुमारी ने कहा कि यदि घरेलू उत्पीड़न के कारण एक भी महिला पीड़ित है, तो यह समाज के लिए दुखद है। उन्होंने कहा कि कानून कमजोर नहीं है, लेकिन महिलाओं को अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत रखते हुए उत्पीड़न को सहन करने के बजाय उसका प्रतिकार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि महिलाएं अपने न्यायिक अधिकारों हेतु जिला न्यायिक सेवा प्राधिकरण से निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकती हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग में भारी संख्या में शिकायतें प्राप्त होती हैं, इसलिए इनके प्रभावी निदान के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने चाहिए, जिससे सभी शिकायतों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला सुधार गृह में महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएँ, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। साथ ही, उन्हें प्रोत्साहित करने हेतु प्रेरणादायक लेक्चर व परामर्श सत्रों की नियमित व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं को पढ़-लिखकर आगे बढ़ना चाहिए। आयोग न्यायसंगत मामलों में महिलाओं के साथ है, लेकिन किसी को भी कानून का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिलाओं से संबंधित मामलों में शाम 5 बजे के बाद थाने में बुलाने से परहेज किया जाए तथा उनकी शिकायतों का प्राथमिकता से समाधान किया जाए।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग में आने वाले 70 प्रतिशत मामले घरेलू हिंसा से संबंधित हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा जिला स्तर पर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से तेरे मेरे सपने नाम से परामर्श केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें विवाह पूर्व युवक-युवतियों को परामर्श प्रदान किया जाता है। देशभर में 100 से अधिक केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं और शीघ्र ही जिला कांगड़ा में भी इस प्रकार का एक केंद्र शुरू किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया