अकाली नेता ने दरबार साहिब में बतौर सजा जूठे बर्तन मांजे व जूते-चप्पल साफ किये
- Neha Gupta
- Dec 09, 2025
चंडीगढ़, ०9 दिसंबर । अकाल तख्त
साहिब की ओर से पांच सिख प्रतिनिधियों को धार्मिक सजा सुनाए जाने के बाद
मंगलवार को अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा दरबार साहिब में सजा भुगतने के लिए
पहुंचे।
अकाल तख्त साहिब ने सिख मर्यादाओं और पंथक रीतियों के उल्लंघन के आरोप
में अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा, गुरुनानक
देव यूनिवर्सिटी के वीसी करमजीत सिंह, निरवैर
खालसा जत्था यूके के भाई हरिंदर सिंह, अकाल
तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह और पंजाब भाषा विभाग के निदेशक
जसवंत सिंह को सोमवार को धार्मिक सजा सुनाई थी। इसके बाद विरसा
सिंह वल्टोहा आज सुबह सबसे पहले दरबार साहिब पहुंचे और यहां शीश नवाने के बाद
उन्होंने अपनी धार्मिक सजा शुरू की। यहां उन्होंने जूठे बर्तन मांजे
और जोड़ों यानी जूते-चप्पलों की सफाई की। वल्टोहा तीन दिन तक दरबार साहिब में
धार्मिक सजा भुगतने के बाद रिपोर्ट करेंगे। उसके बाद उन्हें सजा मुक्त घोषित किया जाएगा।
इस प्रक्रिया के बाद वल्टोहा की अकाली दल में वापसी की राह खुलेगी।
श्री अकाल तख्त
साहिब ने स्पष्ट किया है कि पंथक मर्यादा का पालन सभी के लिए अनिवार्य है। किसी भी
प्रकार का व्यक्तिगत बयान, अपमान या अनादर सख्त वर्जित है। इस सजा के
माध्यम से सिख समाज में अनुशासन, श्रद्धा और गुरमति के
अनुसार जीवन बिताने की भावना को बल मिलेगा।
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