पंजाब अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति पर सवाल:नियुक्ति रद्द करने की राज्यपाल से मांग, तेजस्वी बोले-मेरी अरेस्ट भी धक्के से की

पंजाब बचाओ मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी मिन्हास ने पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की। मिन्हास ने कहा कि गवर्नर से मुलाकात काफी पॉजिटिव रही। उन्होंने हमारी बात को गौर से सुना। तेजस्वी ने बताया कि जालंधर पुलिस ने मेरे खिलाफ 26 नवंबर को पर्चा किया था। ये पर्चा पुलिस ने सरकार के प्रेशर में किया है। इसके बाद उसे धक्के से अरेस्ट कर लिया गया। मुझे कोर्ट से बेल लेनी पड़ी। जालंधर पुलिस ने मेरी अरेस्ट के मामले में मेरे फंडामेंटल राइट का उल्लंघन किया है। इस पर राज्यपाल ने कहा कि पंजाब पुलिस को जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत है। तेजस्वी मिन्हास ने आरोप लगाया कि उन्होंने राज्यपाल को मेमोरेंडम भी दिया है। इसमें पंजाब अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन गौरव मसीह को हटाने की मांग की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि गौरव मसीह की नियुक्ति कानून के मुताबिक नहीं हुई है। जालंधर पुलिस की अरेस्ट को भी चैलेंज करेंगे गौरव मिन्हास ने कहा कि पुलिस ने 26 नवबंर को मेरे खिलाफ पर्चा दिया था। इसके 11 दिन बाद मुझे अरेस्ट किया गया। कोर्ट ने भी जालंधर पुलिस से यही पूछा कि इससे पहले क्या आप सोए हुए थे। अब अरेस्ट करने की याद क्यों आई। हम पुलिस की अरेस्ट को भी चैलेंज करेंगे। ये सब सरकार और कुछ लोगों के कहने पर हो रहा है। आने वाले दिनों में सबका पर्दाफाश किया जाएगा। मेमोरेंडम में तेजस्वी मिन्हास ने लगाए गंभीर आरोप आरोप-जतिंदर मसीह जन्म से ईसाई नहीं, नियुक्ति भी गलत तेजस्वी मिन्हास ने मेमोरेंडम देकर कहा कि मैं जालंधर के मॉडल टाउन में रहता हूं। पंजाब बचाओ मोर्चा का अध्यक्ष हूं। हमारा संगठन धोखाधड़ी, लालच या जबरदस्ती किए जाने वाले अवैध धर्म परिवर्तन का विरोध करता है। हम आपके ध्यान में लाना चाहते हैं कि पंजाब राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में जतिंदर गौरव मसीह की नियुक्ति में कानून का उल्लंघन हुआ है। पंजाब राज्य अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए की गई थी। गौरव मसीह की नियुक्ति राजनीतिक दबाव में की गई है। जतिंदर मसीह गौरव की अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति को राज्य सरकार ने अगस्त 2025 से मंजूरी दी थी। यह नियुक्ति केवल राजनीतिक है, कानून के अनुसार नियुक्ति नहीं की गई है। इसके साथ ही जतिंदर गौरव मसीह जन्म से ईसाई नहीं हैं। वह हिंदू धर्म और अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित हैं। मेमोरेंडम में आरोप लगाया गया है कि गौरव मसीह के के बच्चों को भी अमृतसर के अलेक्जेंड्रा स्कूल में अनुसूचित जाति श्रेणी के तहत प्रवेश मिला है। हिंदू धर्म से ईसाई धर्म अपनाने के संबंध में भी इनका कोई रिकॉर्ड नहीं है। आरोप लगाकर सवाल उठाया गया है कि जतिंदर गौरव मसीह 8वीं पास हैं। उन्हें 10वीं पास का सर्टिफिकेट कहां से मिला, इसकी भी जांच होनी चाहिए। जतिंदर गौरव मसीह के खिलाफ पुलिस थाना अमृतसर में आपराधिक रिकॉर्ड है। नियुक्ति के वक्त कोई इश्तिहार नहीं दिया गया, अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया पंजाब सरकार ने जतिंदर गौरव मसीह को अध्यक्ष नियुक्त करने में कई अनियमितताएं बरती हैं। नियुक्ति के संबंध में विज्ञापन नहीं दिया गया। जतिंदर गौरव मसीह का इंटरव्यू लेने के लिए सही व्यक्ति को नहीं बुलाया गया। जतिंदर गौरव मसीह के खिलाफ ये भी शिकायत दर्ज है कि उसने पंजाब पुलिस के प्रतीक चिह्न का मिसयूज किया था।बत्ती लगी गाड़ी का भी इस्तेमाल किया है। तेजस्वी मिन्हास ने आरोप लगाया कि गौरव मसीह पंजाब राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में जरूरी शर्तों को पूरा नहीं करता। ये भी आरोप लगाया गया है कि जतिंदर गौरव मसीह पास्टर अंकुर नरूला का राइट हैंड है। जतिंदर गौरव मसीह को ईसाई समुदाय का सच्चा प्रतिनिधि नहीं माना जा सकता है। जतिंदर गौरव मसीह ने जैन धर्म, बौद्ध धर्म या यहां तक कि ईसाइयों के लिए कुछ भी नहीं किया है। उनका ध्यान चर्च ऑफ साइंस एंड वंडर्स के विकास पर है । उनका काम पूरी तरह से पक्षपाती है और अन्य अल्पसंख्यकों के मूल हितों के लिए घातक है। मिन्हास ने गवर्नर को सौंपे मांगपत्र में मांग की है कि पंजाब राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में जतिंदर गौरव मसीह को तत्काल बर्खास्त करने का आदेश देने और भविष्य की सभी नियुक्तियों में उचित प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए सख्त निर्देश जारी किया जाए।