पंजाब में चिप वाले बिजली मीटर उतारेंगे किसान::10 दिसंबर को मीटर उतारकर PSPCL दफ्तर में जमा करवाएंगे किसान मजदूर मोर्चा के सदस्य
- Admin Admin
- Dec 09, 2025
पंजाब में किसान यूनियन लंबे समय से स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी मीटर (चिप वाले मीटर) का विरोध कर रहे हैं इसके बावजूद पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड( PSPCL) स्मार्ट मीटर ही इंस्टॉल कर रही है। किसान मजदूर मोर्चा अब लोगों के घरों में लगे चिप वाले मीटर उतारकर PSPCL के दफ्तर में जमा करवाएगा। किसान मजदूर मोर्चा 10 दिसंबर से चिप वाले मीटर उतारने की मुहिम शुरू करेगा। जैसे जैसे मीटर उतारे जाएंगे वैसे-वैसे किसान मीटरों को PSPCL के दफ्तरों में जमा करवाते जाएंगे। किसानों ने साफ कर दिया कि वो जबरन किसी के मीटर नहीं उतारेंगे जो मीटर उतारने के लिए उनसे संपर्क करेगा उनके मीटर ही उतारे जाएंगे। किसान मजदूर मोर्चा ने जारी किए नंबर किसान मजदूर मोर्चा के नेता दिलबाग सिंह ने बताया कि इसका फैसला स्टेट लेवल पर ले चुके हैं। 10 दिसंबर से पूरे प्रदेश में चिप वाले मीटर उतारे जाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ साथ शहरी क्षेत्रों से भी मीटर उतारे जाएंगे और उन मीटरों को दफ्तरों में जमा कर दिया जाएगा। जो मीटर उतरवाने चाहते हैं संपर्क करें दिलबाग सिंह ने कहा कि जो भी चिप वाले मीटर उतारना चाहते हैं वो किसान मजदूर मोर्चा के साथ संपर्क करें। उन्होंने कहा कि सरकार जो बिजली महकमे को प्राइवेट करने जा रही है उसके विरोध में चिप वाले मीटर उतारे जा रहे हैं। जो यह चाहते हैं कि हमारी बिजली गुल न हो, बच्चे पढ़ते रहें और कामकाज चलते रहें वो इन मीटरों का विरोध करें और उतरवाएं। सभी के चिप वाले मीटर लगे तो नहीं मिलेगी बिजली किसान नेताओं का तर्क है कि जिस दिन पंजाब में सभी मीटर चिप वाले लग गए उस दिन से बिजली उनको ही मिलेगी जो कि मीटर रिचार्ज करेंगे। उनका कहना है कि 90 प्रतिशत लोग समय पर रिचार्ज नहीं कर सकेंगे तो उनकी बिजली गुल हो जाएगी। उनका कहना है कि मोबाइल रिचार्ज करते हैं तो उसमें वेलिडिटी होती है लेकिन बिजली का रिचार्ज अगर रात को खत्म हो गया और आपके पास पैसे नहीं हैं तो आपकी बिजली बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन इसीलिए चिप वाले मीटरों का विरोध कर रही है। बिजली बोर्ड ने पर्चा दर्ज किया तो जिम्मेदारी किसान यूनियन की होगी दिलबाग सिंह ने कहा कि चिप वाले मीटर उतारने पर अगर बिजली बोर्ड किसी पर कार्रवाई करता है या पर्चा दर्ज करवाता है तो इसकी जिम्मेदारी किसान यूनियन की होगी। किसान यूनियन पर्चा रद्द भी करवाएगी और जुर्माना भी माफ करवाएगी। डरने की जरूरत नहीं है किसान मजदूर मोर्चा पब्लिक के साथ है।



