जयपुर, 9 दिसंबर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान की ओर से जयपुर केन्द्रीय कारागार में मंगलवार को दो दिवसीय अपराध मुक्ति ज्ञान महायज्ञ (गीता धर्म संवाद) का शुभारंभ हुआ।
संस्थान के प्रमुख रामकृष्ण गोस्वामी ने कहा कि भगवद् गीता का कर्मयोग समूचे मानव समुदाय के लिए सनातन मार्गदर्शक सिद्धांत है। कर्मयोगी भारत निर्माण आंदोलन वास्तव में राष्ट्रीय मानवाधिकारों की रक्षा का प्रखर शंखनाद है, क्योंकि कर्मयोग व्यक्ति को राष्ट्रीयता, मानवीय सेवा और विवेकपूर्ण नेतृत्व से जोड़ता है। गीता स्वयं कर्मयोग का विज्ञान है, जो मृत्यु-भय और असुरक्षा से छुटकारा दिलाकर मनुष्य को निर्भीकता प्रदान करती है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपना दिव्य गीता संदेश संपूर्ण विश्व के हित में दिया था, इसलिए गीता को असुरक्षा, अशांति, अन्याय, गरीबी और गुलामी से मुक्ति का श्रेष्ठ नीतिशास्त्र कहा जाता है।
इस मौके पर कारागार के कैदियों ने गीता का पाठ किया। कारागार अधिकारियों को गीता भेंट की गई। विश्व मानवाधिकार दिवस पर बुधवार को केन्द्रीय कारागार में सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक मुख्य कार्यक्रम होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश



