डेढ़ घंटे तक लिफ्ट में फंसी रही बुजुर्ग महिला

नोएडा, 9 दिसंबर (हि.स.)। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पंचशील हाईनिस सोसाइटी में मंगलवार को एक बुजुर्ग महिला डेढ़ घंटे तक लिफ्ट में फंसी रही। इससे उनकी हालत खराब हो गई। परिजनों का आरोप है कि मेंटेनेंस टीम द्वारा इस दौरान समय से महिला की मदद नहीं की गई। सुरक्षा अलार्म बजने पर भी कोई लिफ्ट का गेट खोलने के लिए नहीं आया।

सोसाइटी के टावर-8 के फ्लैट नंबर-2001 में श्रवण कुमार झा अपने परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी माता जी दोपहर करीब एक बजे छत से लिफ्ट में नीचे आने के लिए सवार हुईं। अचानक 21वीं मंजिल पर झटका लेने के साथ लिफ्ट रुक गई।

काफी देर तक उन्होंने लिफ्ट का गेट खुलने का इंतजार किया। जब गेट नहीं खुला था तो उन्होंने सुरक्षा अलार्म बजायl, लेकिन कोई सहायता के लिए नहीं आया। देर तक वह अंदर लिफ्ट में ही फंसी रहीं, जिससे उनको अधिक परेशानी होने लगी। साथ ही, सांस लेने में दिक्कत हुई और दम घुटने लगा। इस दौरान वह करीब डेढ़ घंटे तक लिफ्ट में फंसी रहीं। उनका आरोप है कि जब सुरक्षाकर्मी की सीसीटीवी पर नजर पड़ी तो वह तुरंत भाग कर मेंटेनेंस टीम को लेकर बुजुर्ग महिला को बाहर निकालने के लिए पहुंचा, तब उन्हें सुरक्षित बाहर निकल गया।

श्रवण कुमार ने बताया कि जब उन्हें इस बात की सूचना हुई तो उन्होंने अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष और मेंटेनेंस टीम से इसकी शिकायत की, तब मेंटेनेंस टीम और एओए के द्वारा उनसे लिफ्ट में डेढ़ घंटे तक फंसने का सबूत मांगा गया। इसका उन्होंने विरोध किया। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मांगी, जिसे उन्होंने देने से इनकार कर दिया गया। सोसाइटी में रहने वाले संजय शर्मा और राम ने बताया कि सोसाइटी के रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही है। लिफ्ट का मेंटेनेंस भी ठीक से नहीं होता है, जिसे के कारण लोगों को परेशानी होती है। आए दिन लिफ्ट फंस जाती है। लिफ्ट का रिनुअल भी समय से नहीं होता। कई बार शिकायत भी करते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।

अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद नेगी ने बताया कि सभी आरोप गलत हैं। लिफ्ट का मेंटेनेंस समय से होता है। महिला को तुरंत ही लिफ्ट से बाहर निकाल लिया गया था। बुजुर्ग महिला को सुरक्षा अलार्म के बारे में पता नहीं था, जिसके चलते उन्होंने लिफ्ट के सभी बटन दबा दिए और उसका सॉफ्टवेयर हैंग हो गया।

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हिन्दुस्थान/सुरेश

हिन्दुस्थान समाचार / सुरेश चौधरी