हरियाणा के चर्चित रेलूराम पूनिया हत्याकांड के दोषी रिहा होंगे:हाईकोर्ट में याचिका मंजूर; जमीन के लिए बेटी-दामाद ने परिवार के 8 लोगों की हत्या की थी
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- Dec 09, 2025
हरियाणा में 24 साल पुराने पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया हत्याकांड में बेटी सोनिया और दामाद संजीव कुमार जेल से रिहा होंगे। मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस सूर्या प्रताप सिंह ने दोनों की समय से पहले रिहाई याचिका को मंजूर करते हुए फैसला सुनाया। कोर्ट में इनके वकील की ओर से तर्क दिया गया कि मामले में संजीव 20 साल की सजा काट चुका है। वहीं छूट अवधि को जोड़ दिया जाए तो सजा 25 साल 9 महीने बनती है। इसी तरह सोनिया भी लंबी अवधि में सजा काट चुकी है। 23 अगस्त 2001 में हिसार के लितानी गांव में फार्म हाउस में छोटी बेटी सोनिया ने जमीन के लालच में अपने पति संजीव के साथ मिलकर पिता रेलू राम पूनिया (50), उनकी पत्नी कृष्णा देवी (41), बच्चे प्रियंका (14), सुनील (23), बहू शकुंतला (20), पोता लोकेश (4) और दो पोतियों शिवानी (2) तथा 45 दिन की प्रीति की हत्या कर दी गई थी। साल 2004 में हिसार की अदालत ने संजीव और सोनिया को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका में देरी का हवाला देते हुए सजा को उम्रकैद में बदल दिया। 6 अगस्त, 2024 को दी सजा को चुनौती सोनिया और संजीव ने 6 अगस्त 2024 के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें कहा गया था कि संजीव को अपनी पूरी जिंदगी जेल में बितानी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय कमेटी ने उनकी जेल में रहने के दौरान के व्यवहार, पढ़ाई, सुधार के लिए किए गए कामों और पुनर्वास योजनाओं पर ध्यान ही नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि एक दूसरे कैदी को, जिसने उनसे भी ज्यादा गंभीर अपराध किया था और जो कई सालों तक पैरोल पर ज्यादा दिन तक बाहर रहा, उसे रिहा कर दिया गया, जबकि संजीव की अर्जी खारिज कर दी गई। उन्होंने इसे भेदभाव बताया। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने राज्यपाल के सामने मामला रखने की सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जिससे आदेश गलत हो जाता है। अब हाई कोर्ट ने सभी की बातें सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जानिए 8 लोगों के मर्डर की पूरी कहानी... आठों को लोहे की रॉड और डंडों से मारा रेलू राम पूनिया हत्याकांड हरियाणा के सबसे सनसनीखेज मामलों में माना जाता है। 23 अगस्त 2001 की रात हिसार के लितानी गांव स्थित फार्महाउस में पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया, उनकी पत्नी, बेटा-बहू, पोता-पोती और एक बच्चे सहित कुल 8 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। सभी को लोहे की रॉड व डंडों से सोते समय मारा गया, जिससे पूरा परिवार खत्म हो गया। बेटी-दामाद ने जमीन के लिए हत्याकांड को अंजाम दिया जांच में सामने आया कि इस नरसंहार की मुख्य वजह जमीन-जायदाद को लेकर गंभीर विवाद था। रेलू राम की बेटी सोनिया और उसके पति संजीव ने परिवार की संपत्ति पर कब्जा करने की योजना बनाकर यह हत्याकांड अंजाम दिया। दोनों ने वारदात के बाद आत्महत्या का प्रयास भी किया, लेकिन बच गए। अदालत ने इसे “पूरी तरह योजना बनाकर की गई क्रूर हत्या” माना और 2004 में दोनों को मृत्युदंड सुनाया। बाद में हाईकोर्ट ने इसे उम्रकैद में बदला, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिर से मौत की सजा बहाल कर दी। बाद की अपीलों और प्रक्रियाओं के बाद उनकी सजा उम्रकैद में बदल गई। सोनिया ने कहा था- ये मुझे प्रॉपर्टी नहीं देना चाहते थे पुलिस पूछताछ में सोनिया ने बताया था कि हां, मैंने ही आठों को मारा है। ये लोग मुझसे और मेरे पति से नफरत करते थे। मुझे प्रॉपर्टी नहीं देना चाहते थे। उस रात सभी को मारने के बाद मैं खुद को भी खत्म करना चाहती थी। काश! मर गई होती। मां-पापा के बीच अक्सर लड़ाई होती थी। बात मारपीट तक पहुंच जाती थी। झगड़े की जड़ थी, जमीन-जायदाद, संपत्ति। पापा जब नशे में होते थे तो बोलते थे कि उनके भाई राम सिंह की पत्नी के साथ उनका अवैध संबंध है। चचेरी बहन रोजी भी मेरे पिता की बेटी है। मां के भी राम चंद्र दाहिया नाम के एक शख्स के साथ अवैध संबंध था। दाहिया की वजह से मां ने एक बार मुझ पर गोली भी चला दी थी, लेकिन मैं बच गई। ----------------------------------- हत्याकांड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- बेटी बोली- 100 एकड़ जमीन के लिए किए 8 कत्ल:एक मारूं या 8, सजा तो होनी ही है; कैसे सुलझा हिसार मर्डर केस 23 अगस्त 2001 को हरियाणा के हिसार जिले में पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया की कोठी में 8 कत्ल हुए। एक प्रेमी जोड़े ने 68 साल के रेलू राम पूनिया, उनकी 60 साल की पत्नी कृष्णा, 27 साल का बेटा सुनील, 25 साल की बहू शकुंतला, 14 साल की बेटी पम्मा, 4 साल का पोता लोकेश, ढाई साल की पोती शिवानी और सवा महीने की पोती प्रीति को भारी भरकम लोहे की रॉड से मार डाला। पढ़ें पूरी खबर...



