शिमला, कुफ़री और मनाली में बर्फबारी का इंतजार बढ़ा, 15 दिसंबर तक साफ रहेगा मौसम

शिमला, ०9 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मौसम पूरी तरह शुष्क बना हुआ है और बर्फबारी का इंतजार लगातार लंबा होता जा रहा है। मंगलवार सुबह भी राज्य में दिन की शुरुआत साफ मौसम के साथ हुई जिस कारण शिमला, मनाली, कुफरी, डल्हौजी समेत पर्यटन स्थलों पर धूप खिली रही और दिन में ठंड से राहत मिली। मौसम विभाग ने 15 दिसंबर तक बारिश और बर्फबारी की संभावना से इंकार किया है, ऐसे में बर्फ का लुत्फ उठाने हिमाचल की वादियों का रूख करने वाले सैलानियों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

हालांकि रविवार रात रोहतांग दर्रे और ऊंची पहाड़ियों पर हल्की बर्फबारी दर्ज हुई थी लेकिन प्रमुख हिल स्टेशनों शिमला, कुफरी, मनाली और डल्हौजी में अब तक सीजन की पहली बर्फबारी नहीं हुई है। ऐसे में पर्यटक मायूस होकर लौट रहे हैं। आमतौर पर दिसंबर के शुरुआती दिनों में राज्य के हिल स्टेशन बर्फ की सफेद चादर से ढक जाते हैं और यह नजारा पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण रहता है लेकिन इस बार मौसम शुष्क है और पहाड़ अभी भी बर्फरहित दिखाई दे रहे हैं। इस वजह से पर्यटन कारोबार पर भी असर पड़ रहा है।

शिमला और मनाली के होटलों में इस समय महज 25 से 30 फीसदी ऑक्यूपेंसी है जो वीकेंड पर बढ़कर लगभग 40 फीसदी तक पहुंच रही है। होटल व्यवसायियों का कहना है कि बर्फबारी होने पर पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और होटल बुकिंग में अचानक उछाल आता है लेकिन फिलहाल हालात ठीक नहीं हैं। वहीं क्रिसमस और न्यू ईयर पर बर्फबारी होने की उम्मीद जताते हुए सैलानियों ने अग्रिम बुकिंग करवा रखी है, जिससे उन्हें उम्मीद है कि त्योहारों पर बर्फ के बीच छुट्टियों का आनंद ले पाएंगे।

दूसरी ओर बारिश व बर्फबारी के अभाव में किसानों व बागवानों की चिंता बढ़ गई है। अप्पर शिमला में सेब की फसल के लिए बर्फ अत्यंत आवश्यक मानी जाती है जबकि निचले क्षेत्रों में कई जगह गेहूं की बिजाई बारिश न होने से प्रभावित हो रही है। कई किसान फसल बोने से पहले बादलों का इंतजार कर रहे हैं और लगातार सूखा मौसम कृषि को नुकसान पहुंचा सकता है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि 13 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है लेकिन इसका हिमाचल पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा और केवल उच्च पर्वतीय इलाकों में हल्का असर हो सकता है। 15 दिसम्बर तक राज्य में मौसम के साफ रहने का अनुमान है।

इस बीच हिमाचल में सुखी ठंड का असर तेजी से बढ़ रहा है और सुबह-शाम व रात के समय भीषण ठंड पड़ रही है। जनजातीय क्षेत्रों में तापमान शून्य से नीचे दर्ज हो रहा है और मैदानी इलाकों में भी बर्फबारी न होने के बावजूद कड़ाके की सर्दी महसूस की जा रही है।

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को लाहौल-स्पीति का कुकुमसेरी सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान -6.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इसके अलावा लाहौल स्पीति जिला के ही ताबो में -4.4 डिग्री, किन्नौर के कल्पा में 0 डिग्री, बजुआरा में 2.9 डिग्री, बरठीं में 2.4 डिग्री, रिकांगपिओ में 2.5 डिग्री, नारकंडा में 3 डिग्री और सराहन में 4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। पर्यटन नगरी मनाली में न्यूनतम तापमान 2.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। राजधानी शिमला का न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.7 डिग्री अधिक है। कुफरी में न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री दर्ज हुआ।

दिलचस्प बात यह है कि राज्य के कई मैदानी क्षेत्र शिमला से ज्यादा ठंडे हैं। सुंदरनगर में न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री, ऊना में 5.7 डिग्री, पालमपुर में 5 डिग्री, सोलन में 3.8 डिग्री, कांगड़ा में 5.5 डिग्री, मंडी में 4.3 डिग्री, बिलासपुर में 4.8 डिग्री और हमीरपुर में 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा