भारतीय महिला कबड्डी खिलाड़ी सिरमौर की बेटियाँ घर पहुँचीं , मां-बाप के साथ बैठकर सुनाई मैदान की अनसुनी कहानियाँ

नाहन, 09 दिसंबर (हि.स.)।देश के लिए कबड्डी में शानदार प्रदर्शन करने के बाद जिला सिरमौर की तीन बेटियाँ जब अपने घर लौटीं, तो माहौल भावनाओं से भर गया। गांव की संकरी गलियों से लेकर आंगन तक ढोल-नगाड़ों की थाप गूंजती रही। लेकिन इस बार स्वागत का सबसे खूबसूरत पल वह था, जब दोनों खिलाड़ी अपने मां-बाप के साथ बैठकर वर्ल्ड कप की पूरी कहानी सुनाती दिखीं।

घर पहुंचने के बाद बेटियाँ सीधे मां-बाप के पास जाकर बैठीं। वहां उन्होंने पूरे टूर्नामेंट की रोमांच भरी कहानी साझा की किस मैच में कितना दबाव था, कौन-सी टीम सबसे मुश्किल थी, कब चोट लगी लेकिन फिर भी हार नहीं मानी। बेटियों ने अपने परिवार से कहा मैदान में जब मुश्किल आती थी, हमें आपका चेहरा याद आता था वही ताकत बनकर खड़ा रहता था

घर पर बेटियों के लिए खास तौर पर सिरमौर के पारंपरिक पकवान तैयार किए गए शाकुली मोडमुड,दे सी घी–शक्कर स्थानीय मीठे व्यंजन दिए गए इस मोके पर बेटियों ने मुस्कुराते हुए कहा वर्ल्ड कप जीतकर जो ख़ुशी मिली, उससे ज्यादा खुशी घर के इन पकवानों ने दे दी। इन स्वादों की बहुत याद आती थी।गांव वालों ने कहा कि ये सिर्फ हमारी बेटियाँ नहीं, सिरमौर की वीरांगनाएँ हैं गांव के बुज़ुर्ग, महिलाएँ और बच्चे उन्हें देखने घर पहुंचे।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर