- कॉटन विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा
गुवाहाटी, 09 दिसंबर, (हि.स.)। कॉटन विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में मंगलवार काे साहित्य और सांस्कृतिक अध्ययन में अमूल्य योगदान के लिए प्रसिद्ध असमिया लेखक एवं विद्वान डॉ. रंजीत कुमार देव गोस्वामी को मानद डी. लिट्. की उपाधि प्रदान की। सांस्कृतिक आइकन जुबिन गर्ग को मरणोपरांत मानद डी.लिट्. से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर असम के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने प्रदान किया। इस दाैरान उन्हाेंने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया और कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प युवाओं के कंधों पर टिका है और स्नातक हो रहे विद्यार्थियों को दृढ़ निश्चय के साथ राष्ट्र की प्रगति में योगदान देना चाहिए।
श्रीमंत शंकरदेव इंटरनेशनल ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा की उपस्थिति में 2804 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ऐतिहासिक संस्थान कॉटन विश्वविद्यालय से मार्गदर्शन प्राप्त करने वाले विद्यार्थी राज्य और देश - दोनों के परिवर्तन में अपनी भूमिका निभाएं।
वहीं, असम के सांस्कृतिक आइकन जुबिन गर्ग की बहन पाल्मे बोरठाकुर ने यह सम्मान औपचारिक रूप से उनकी ओर से ग्रहण किया।
राज्यपाल ने कौशल आधारित शिक्षा एवं अनुभव-प्रधान अधिगम को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय और तेजपुर विश्वविद्यालय के साथ राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के तहत चल रहे सहयोग को अनुसंधान और नवाचार को गति देने वाला कदम बताया।
उन्होंने स्नातकों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिन उनके परिश्रम, समर्पण और उत्कृष्टता का प्रमाण है। विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों के सामूहिक प्रयास ने इस अवसर को संस्थान के लिए गौरव का क्षण बनाया है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षण इतिहास बनाते हैं और कुछ भविष्य गढ़ते हैं -और यह दीक्षांत समारोह दोनों का संगम है।
राज्यपाल ने संस्कृत श्लोक का उद्धरण देते हुए कहा कि ज्ञान तभी सार्थक है जब वह आचरण को प्रकाशमान करे। उन्होंने छात्राओं की उल्लेखनीय संख्या को समाज में बढ़ती महिला सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
असम की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का उल्लेख करते हुए उन्होंने श्रीमंत शंकरदेव के अमर योगदान को याद किया और कहा कि कॉटन विश्वविद्यालय इतिहास और भविष्य - दोनों के संगम पर खड़ा होकर वैश्विक स्तर पर शिक्षा व शोध का प्रमुख केंद्र बन रहा है।
स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शिक्षा-दृष्टि का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा केवल रोजगार नहीं, बल्कि राष्ट्र-निर्माण का मार्ग है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान को समाज की सेवा और राष्ट्र के उद्देश्यपूर्ण विकास में लगाएं।
वैश्विक परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को नई तकनीकों को अपनाने, चुनौतियों को अवसरों में बदलने और अपने कौशल को समाज व मानवता की भलाई के लिए उपयोग करने की प्रेरणा दी। इस संदर्भ में उन्होंने डॉ. भूपेन हजारिका की मानवीय भावना से ओत-प्रोत रचनाओं को भी याद किया।
समारोह में कॉटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र डेका, एम्स गुवाहाटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रो. अशोक पुराणिक, रजिस्ट्रार डॉ. हिरेन डेका सहित कार्यकारी एवं शैक्षणिक परिषद के सदस्य, शिक्षकगण और अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश



