मेडिकल इंश्योरेंस रिफंड के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह पकड़ा गया, चार आरोपित गिरफ्तार

नई दिल्ली, 09 दिसंबर (हि.स.)। दक्षिण-पश्चिम जिले की साइबर थाना पुलिस ने एक ऐसे ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है जो लोगों को मेडिकल इंश्योरेंस का पैसा वापस दिलाने के नाम पर धोखा देता था। पुलिस ने इस संबंध में गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से चार मोबाइल फोन और एक डेबिट कार्ड भी बरामद किया है, जिसका इस्तेमाल ठगी की रकम निकालने में किया जाता था।

दक्षिण-पश्चिम जिले के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने मंगलवार को बताया को शिकायतकर्ता केपी तोमर ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 2024 में चार हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली थीं, लेकिन बीमारी की वजह से प्रीमियम नहीं भर पाए। तीन पॉलिसियों का पैसा मिल गया, लेकिन एक का रिफंड अटका रहा। 5 जुलाई 2025 को उन्हें फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को इंश्योरेंस ओम्बड्समैन अधिकारी बताया और कहा कि रिफंड फाइल बनाने के लिए कुछ पैसे जमा कराने होंगे। पीड़ित ने बताए गए खातों में 83,000 और 47,000 जमा करा दिए। बाद में उनसे 12 लाख रुपये का नकली आरबीआई बॉन्ड बनवाने को कहा गया। तब उन्हें समझ आया कि वे ठगी का शिकार हुए हैं। शिकायतकर्ता के बयान पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।

पुलिस उपायुक्त के अनुसार मामले को गंभीरता से लेते हुए इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की टीम ने पैसों का रास्ता (मनी-ट्रेल) और मोबाइल नंबरों की जांच की। पता चला कि ठगी के पैसे पहले सिमरन और मनप्रीत कौर के खातों में गए और उसके बाद देवेंद्र कुमार के खाते में पहुंचे। पुलिस ने छापेमारी कर सबसे पहले देवेंद्र को पकड़ा। उसने बताया कि उसकी पत्नी सिमरन और साली मनप्रीत के खातों का इस्तेमाल पैसे मंगवाने के लिए किया गया था। वह यह रकम अपने साथी अरुण कुमार को देता था। देवेंद्र की निशानदेही पर पुलिस ने अरुण को भी दबोचा। उसने माना कि वह आईआरडीएआई अधिकारी बनकर लोगों को कॉल करता था और उनसे पैसे लेता था।

पुलिस अधिकारी के अनुसार पकड़ा गया देवेंद्र कुमार भजनपुरा का रहने वाले है और 12वीं पास है। वह इंश्योरेंस से जुड़ी कंपनी में काम करता था। जबकि अरुण कुमार न्यू सीमापुरी का रहने वाला है। वह लोगों को कॉल कर खुद को सरकारी अधिकारी बताता था। इसके अलावा सिमरन और मनप्रीत कौर के खाते में रुपये मंगवाए जाते थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी