सोनीपत: नगर निगम कर्मचारियों का शोषण रोकने की मांग पर विरोध प्रदर्शन

सोनीपत, 9 दिसंबर (हि.स.)। नगर

निगम में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों पर तैनात चालकों और सहायतकों से ठेके पर काम देख

रही एबीएन कंपनी के ठेकेदारों द्वारा प्रति गाड़ी बीस हजार रुपये वसूली की मांग की

जा रही थी। सात पर्यवेक्षकों ने यह अवैध मांग पूरी नहीं की, जिस कारण उन्हें नौकरी

से निकाल दिया गया। इसी के विरोध में कर्मचारियों ने बाबा धाम के सामने मंगलवार को जिला पार्षद

संजय बड़वासनिया के नेतृत्व में धरना दिया और प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने कहा कि

ठेकेदार उन पर लगातार दबाव बना रहे हैं और न्यूनतम रिवाज वेतन भी नहीं दिया जा रहा।

जिला

पार्षद संजय बड़वासनिया ने प्रदर्शन में कहा कि वर्तमान शासन में कर्मचारियों का शोषण

बढ़ गया है। ठेका प्रथा को बढ़ावा दिए जाने से ठेकेदार मनमर्जी कर रहे हैं। उन्होंने

बताया कि बीपीएल परिवारों से कूड़ा उठाने की प्रति घर पांच रुपये कटनी निर्धारित है,

लेकिन ठेकेदार पचास रुपये प्रति घर वसूलने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों ने यह भी

बताया कि कूड़ा गाड़ी पर सहायक न होने की शिकायत नगर निगम महापौर को दी गई थी, पर कोई

कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारियों की मिलीभगत से कागजों में सहायक अधिक दिखाकर वास्तव

में कम कर्मचारी लगाए जा रहे हैं।

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पार्षद ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। हटाए गए पर्यवेक्षकों

को वापस लिया जाए, कर्मचारियों को न्यूनतम रिवाज वेतन दिया जाए और स्थायी किया जाए।

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की कमी और अव्यवस्था का वीडियो प्रमाण भी मौजूद है।

इन मांगों को लेकर कल सुबह बाबा धाम से नगर निगम कार्यालय तक प्रदर्शन किया जाएगा और

मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। प्रदर्शन में अंकित, दीपांशु, पवन, सुमित,

सतनारायण, विवेक, हरपाल, नरेश, रोहित, कुलदीप सहित कई कर्मचारी उपस्थित रहे। कर्मचारियों

का कहना है कि वर्तमान व्यवस्था में उनका भविष्य असुरक्षित है और ठेका प्रथा पूरी तरह

शोषणकारी बन चुकी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना