टीएमसी घुसपैठियों को एससी-एसटी प्रमाणपत्र देकर वोटर लिस्ट प्रभावित करने की कोशिश में : शुभेंदु

कोलकाता, 09 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि टीएमसी सरकार पूरे राज्य में तेजी से शिविर आयोजित कर रही है, जिनका उद्देश्य एससी, एसटी और ओबीसी प्रमाणपत्रों को जल्दबाजी में जारी करना है। शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि इन शिविरों के जरिये “बिना दस्तावेज वाले घुसपैठियों और फर्जी दावेदारों” को लाभ पहुंचाया जा रहा है।

शुभेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद जिले के कांडी ब्लॉक विकास अधिकारी द्वारा जारी एक ज्ञापन साझा किया, जिसमें 08 से 12 दिसंबर के बीच पंचायत कार्यालयों में ऐसे शिविर लगाए जाने का उल्लेख है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि 24 जून के बाद जारी सभी प्रमाणपत्रों की कड़ाई से जांच की जाए। अधिकारी का तर्क है कि बिहार में एसआईआर का पहला चरण 24 जून से शुरू हुआ था, इसलिए इसके बाद जारी किए गए दस्तावेजों पर विशेष नजर रखने की जरूरत है।

उन्होंने साेशल मीडिया एक्स पर लिखा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया शुरू होने वाली है और इससे “टीएमसी की वोटर धोखाधड़ी” उजागर हो जाएगी। विधायक का दावा है कि राज्य के एक बड़े वोट बैंक का नाम असली 2002 की मतदाता सूची से मेल नहीं खा रहा है, जिस वजह से वे प्रारूप मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं। इसी कारण “सरकार घबराहट में शिविर चला रही है।”

अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य बांग्लादेश से आए घुसपैठिए लोगों को ऐसे प्रमाणपत्र देना है, जो चुनाव आयोग की सूची में शामिल 13 दस्तावेजों से मिल जाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है और इससे मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर फर्जी एससी, एसटी और ओबीसी प्रविष्टियां बढ़ सकती हैं।

भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि असली वंचित वर्गों का हक छीना जा रहा है। उनका कहना है कि यदि अयोग्य लोग इस तरह प्रमाणपत्र लेकर सामने आएंगे, तो वास्तविक एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के लाभ खत्म हो जाएंगे।

उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि हर प्रमाणपत्र की गहन जांच की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित व्यक्ति वास्तव में केंद्र की सूची में दर्ज समुदाय से है या नहीं। अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार पर पहले भी ऐसे लोगों को ओबीसी प्रमाणपत्र देने के आरोप लगे हैं जिन्हें अदालत ने अयोग्य बताया था। उन्होंने उम्मीद जताई कि एसआईआर प्रक्रिया मतदाता सूची को पूरी तरह साफ करेगी और लोकतंत्र की रक्षा होगी।----------------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर