हिन्दू नववर्ष विक्रमी संवत 2081 आरएसएस का कार्यक्रम .

 
उधमपुर । स्टेट समाचार
  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, ऊधमपुर की नगर इकाई द्वारा चौक चबूतरा स्थित महाजन हॉल में हिन्दू नव वर्ष (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा), विक्रमी संवत् 2081 के उपलक्ष्य पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह अरुण कुमार मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के आरम्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम सरसंघचालक डॉ. हेडगेवार को आद्य-सरसंघचालक प्रणाम किया गया, जिसके उपरांत अरुण कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ वर्ष में छ: प्रमुख पर्व मनाता है। जिसमें भारतीय नव वर्ष का विशेष महत्व है। भारतवर्ष ने विश्व को काल गणना का अद्वितीय सिद्धांत प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि सृष्टि की संरचना के साथ ही ब्रह्माजी ने काल चक्र को भी निर्धारण कर ग्रहों और उपग्रहों की गति को निर्धारण कर दिया था। चार युगों की परिकल्पना, वर्ष, मासों और विभिन्न तिथियों का निर्धारण काल गणना का ही प्रतिफल है। यह काल कल्पना वैज्ञानिक सत्यों पर आधारित है। हमारे देश में नव संवत्सर का प्रारम्भ विक्रम संवत् के आधार पर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से स्वीकार किया जाता है। भारतीय मतानुसार महाराज विक्रमादित्य ने विक्रम संवत का प्रारम्भ किया था। इसकी गणना चंदन के आधार पर की जाती है। इसी दिन से शक्ति के प्रतीक नवरात्रों का भी प्रारम्भ होता है। इस दिन मंदिरों और घरों में घट स्थापित किए जाते हैं।
उन्होंने आगे बोलते हुए बताया कि त्योहारों की धरती भारत में ‘हिन्दू नववर्ष‘ का खास महत्व है। चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को वर्ष प्रतिपदा या युगादि भी कहा जाता है। इस दिन हिन्दू नववर्ष का आरम्भ होता है। किवदंतियों के अनुसार इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था, तो इसी दिन से नया संवत्सर (नवसंवत्सर) भी शुरू होता है। उन्होंने कहा कि संघ अब 100 वर्ष का होने वाला है और इसको मनाने के लिए हमें प्रयास और भी अधिक करने होंगे। हर मंडल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा प्रारंभ करनी होगी, जिससे हम समाज को और अधिक अपने साथ जोड़ सकें। उन्होंने कहा कि संघ के संस्थापक डॉ.हैडगेवार जन्म से ही देश भक्त थे तथा कोलकत्ता में शिक्षा के दौरान वह क्रांतिकारियों के संपर्क में आए और उनके लिए कार्य किया। जिस कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

   

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