फिर बिगड़ा मौसम का मिजाज, फसल कटाई में जुटे किसानों की बढ़ी चिंताएं

विजयपुर/रामगढ़। स्टेट समाचार
दो दिनों तक आसमान पर धूप खिलने से जो फसल कटाई के काम में तेजी आई थी और किसानों को राहत मिली थी, शुक्रवार के दिन फिर से मौसम ने बदलाव लेकर किसानों की चिंताऔं को बढ़ाने का काम कर दिया। शुक्रवार का सारा दिन आसमान पर छाए बादलों से ठंड़ा पड़ा रहा। इससे जो किसान कंबाइन मशीनों से फसल समेटने के काम में जुटे थे, उनकी फसल को धूप की गर्मी न मिलने से कटाई का काम भी कुछ ठंड़ा रहा। हालांकि दिनभर हर तरफ कंबाइन मशीनें फसल कटाई के काम में जुटी नजर आईं। लेकिन जो खिली धूप में फसल कटाई का काम कामयाब रहता था, वो कुछ ठंडा पड़ा नजर आया। वहीं फसल को धूप की गर्मी न मिलने से जो पैदावार थी, वो भी पूरी तरह मशीनों से नहीं निकली। गेहूं की एक बाली में कम से कम पांच-छह दाने फसल की नडी और खेतों में ही बिखरे पडे दिखे। इस ठंडे मौसम में जो गेहूं कटाई का काम ठंड़ा रहा, उससे भी किसान चिंतित नजर आए। किसान बलदेव राज, पुरूशोत्म लाल, तरसेम सिंह, सुरेश कुमार, बाबू राम, बोध राज, हंस राज, अवतार सिंह और अन्य ने कहा कि बार-बार बदल रहे मौसम के मिजाज किसानों की मुश्किलों को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। अभी बीते सप्ताह और इसी सप्ताह हुई बारिशों की वजह से फसल कटाई का काम खासा प्रभावित हुआ था। बीते बुधवार और वीरवार को आसमान साफ रहने और धूप खिलन से जिले के कंडी व सीमांत क्षेत्रों में फिर फसल कटाई का काम तेज हुआ था। लेकिन शुक्रवार को फिर मौसम के मिजाज बदल गए, जिससे बारिश होने जैसी स्थिती बनने लगी है। ऐसे में जिन किसानों की फसल अभी खेतों में खडी है या किसानों ने पैदावार की बोरियां खेतों में भरकर रखी हैं, उनपर बारिश पडऩे से काफी नुक्सान हो सकता है। किसान भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि अब बारिश न हो और मौसम पूरी तरह साफ रहे। इससे जो फसल कटाई का काम बचा है, वो जल्द पूरा हो और किसान अपनी आगामी खरीफ सीजन की फसल लगाने के लिए खेतों को तैयार कर सकें।
 

   

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