विकारों और बुराइयों से ग्रसित मानव शांति के लिए छटपटा रहा है : महात्मा समता बाई b

 
उधमपुर । स्टेट समाचार
भौतिकवादी जंजीरों में जकड़ा मानव मानसिक संतुलन भी खोता जा रहा है। राग, ईर्ष्या, द्वेष  विकारों और बुराइयों से ग्रसित होने के कारण आज के मानव को मानसिक शांति नहीं मिल रही। जब तक आध्यात्मिक ज्ञान का बोध नहीं होगा, तब तक आत्मिक शांति नहीं मिल सकती। यह संदेश सदगुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज की शिष्या एवं मां राजराजेश्वरी आश्रम प्रभारी महात्मा समता बाई ने गांव थाती में आयोजित सद्भावना सत्संग समारोह में दिया। चूनी लाल गोस्वामी द्वारा आयोजित सद्भावना सत्संग समारोह में आसपास के गांवों से काफी संख्या में एकत्रित श्रद्धालुओं को महात्मा समता बाई और महात्मा अनुरोध बाई ने संबोधित किया। बाईगण ने समझाया कि शाश्वत शांति का खजाना प्रत्येक मानव के अंदर सम्माहित है, जिसे भजन-साधना के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मन के विकार और बुराइयां छोडक़र ही हम मन मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। शास्त्र युक्त ज्ञान के अनुभव से मानव एकता संभव है। भौतिक उन्नति के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति आवश्यक है तभी मानसिक संतुलन बना रहेगा और सहनशीलता प्राप्त होगी। कार्यक्रम के अंत में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों की तादाद में उपस्थित लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर रोहित गोस्वामी, जोगेन्द्र कुमार वर्मा, नंद लाल गोस्वामी, सूरम चंद थापा, बोध राज आदि मौजूद थे।

   

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