कुत्तों के कारण देरी से खुला सरकारी कार्यालय

उधमपुर । स्टेट समाचार
घटनाओं के एक अप्रत्याशित मोड़ में, एक अप्रत्याशित अपराधी, चंचल कुत्तों की एक जोड़ी, के कारण एक सरकारी भवन का सुचारू संचालन बाधित हो गया। यह घटना तब सामने आई जब सरकारी परिसर की चाबी एक स्थानीय निवासी को एक साधारण से काम के लिए सौंपी गई: इमारत के अंदर से अपने प्यारे पालतू जानवरों को वापस लाना के लिए उन्हें यह चाबी दी गई। हालाँकि, यह एक हैरान कर देने वाली कहानी में बदल गया। चाबी संबंधित अधिकारियों के हाथों में समय पर वापस आने में विफल रही। अगले दिन तब अराजकता फैल गई जब उत्सुक कर्मचारी सरकारी कार्यालय पहुंचे, लेकिन उन्होंने यहां ताला लगा पाया। एक ओर जहां प्रदेश प्रशासन कार्यालयों में अनुशासन बनाने तथा कार्यालयों को सही समय पर खोलने व कर्मचारियों की उपस्थिति हेतु लगातार प्रयास कर रहा है लेकिन दूसरी ओर अभी भी कुछ स्थानों पर उनके प्रयास किसी न किसी वजह से असफल सिद्ध हो रहे हैं। ऐसा ही कुछ उधमपुर नगर परिषद कार्यालय में सोमवार को देखने को मिला। नगर परिषद कार्यालय जो सुबह 10 बजे खुलना था। जानकारी के अनुसार वहां के सेेनेटरी इंस्पैक्टर द्वारा कार्यालय की चाबी कार्यालय के समीप रहने वाली शालू खजूरिया को सौंप दी। चाबी की खोज में सोमवार को कार्यालय सही समय पर नहीं खुला तथा कर्मचारियों को बाहर इंतजार करना पड़ा, जिससे कुछ देर के लिए वहां असमंजस की स्थिति बन गई। वही इसकी जानकारी लगते ही तहसीलदार उधमपुर जय सिंह व थाना प्रभारी रघुबीर चैधरी भी मौके पर पहुंचे तथा मसले को सुलझाने लगे। करीब एक घंटे के उपरांत शालू खजूरिया से पुलिस ने चाबी लेकर कार्यालय को खुलवाया तथा उसके उपरांत कार्यालय क ा कार्य सुचारू रूप से शुरू हो सका। वहीं जब इस संबंध में सेनेटरी इंस्पेक्टर से पूछा गया तो उसने बताया कि रात को उनको डीसी कार्यालय से फोन आया था कि नगर परिषद कार्यालय के समीप रहने वाली एक महिला शालू के दो कुत्ते कार्यालय में फंस गए हैं तो उन्होंने एक लडक़े के हाथ चाबी भेजी लेकिन शालू द्वारा कुत्तों को निकालने के उपरांत चाबी नहीं लौटाई गई।

   

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