नामात्र हो रही नहरों की सफाई पर किसानों ने जताया रोष
- rohan kumar
- Mar 28, 2024
विजयपुर/रामगढ़।
किसानों की जीवन रेखा कहीं जाने वाली नहरो की नामात्र हो रही सफाई के लेकर किसानों में सिंचाई विभाग के खिलाफ भारी रोष व्यक्त किया है। इन दिनों जिले में सिंचाई विभाग द्वारा नहरो की सफाई करवाई जा रही है। किसानों का आरोप है कि नहरो की सफाई सही तरीके से नहीं हो पा रही और सफाई के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की जा रही है। बॉर्डर किसान यूनियन रामगढ़, सांबा के प्रधान एवं जिले के प्रगतिशील किसान मोहन सिंह भट्टी, गांव करालिया के किसान रविंदर चौधरी, अर्जुन सिंह, गुरमेल सिंह ने रोष भरे शब्दों में कहां की सच्चाई विभाग द्वारा नहरो की जो सफाई करवाई जा रही है वह नममात्र है। सफाई के बावजूद नहरे गंदगी से पटी पड़ी ह ऐसे में नहरो के टेल एंड तक सिंचाई जल कैसे पहुंचेगा। सिंचाई विभाग जब नहरो में पानी छोड़ेगा तो किसानों के खेत कचरे और गंदगी से भर जाएंगे। किसानों से धोखा होता आ रहा है और एक बार फिर नहरो की सफाई के नाम पर धोखा हुआ है। इन किसानों का आरोप है कि रावी नहर, तवी नहर, इसे निकल वाली सहायक नहरे, जिसमे डी 10 नंबर, डी 11नंबर के अलावा छोटी नहरे जिनकी सिंचाई विभाग ने सफाई करवाई है वह सही तरीके से नहीं हो पाई हैं। नहरे कचरा और गंदगी से पटी हुई है। किसान मोहन सिंह भट्टी ने बताया कि नंदपुर से दग छन्नी इलाके को जाने वाली 9 नंबर रणवीर नहर जिसकी सिंचाई विभाग ने हाल ही में सफाई करवाई है की सफाई सही तरीके से नहीं हो पाई है। ना तो नहर से पूरे तरीके से गंदगी बाहर निकल गई ना ही मिट्टी। हमने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को भी बताया है कि मशीनों से सफाई करवाई जा रही और मशीन नहरो को क्षतिग्रस्त कर रही है। सिंचाई विभाग के अधिकारी नहरो की सफाई ना करवा कर ठेकेदारों के साथ मिलकर सरकारी खजाने को लूट रहे हैं। इसके अलावा किसान सुखदेव चौधरी, तरसेम लाल, मदनलाल, रमेश लाल आदि का भी कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्र को जाने वाली नहरो की सफाई सही तरीके से नहीं हो पाई है। बॉर्डर किसान यूनियन के पदाधिकारी व किसानों ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल, सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों व जिला प्रशासन के अधिकारियों का ध्यान नामात्र हो रही नहरो की सफाई की ओर दिलाते हुए नहरों की सफाई व मरम्मत सही तरीके से करवा कर फिर नहर में पानी छोडऩे की मांग की है। ताकि सिंचाई जल नहरों की टेल एंड तक पहुंचे ताकि किसान अपने खेतों में पानी लगा सके।