गोरखपुर, 6 दिसंबर (हि.स.)। राम समुझ शिक्षण संस्थान द्वारा शनिवार को गोरखपुर प्रेस क्लब के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में 12 दिसंबर को होने वाले सामूहिक विवाह, कन्यादान एवं नारी शक्ति सम्मान समारोह से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम संयोजक अर्पित कसौधन, विशिष्ट अतिथि एस.के शर्मा, संस्था प्रमुख विक्रम सिंह व आलोक गुप्ता उपस्थित रहें।
कार्यक्रम संयोजक अर्पित कसौधन ने बताया कि राम समुझ शिक्षण संस्थान समाजसेवा, शिक्षा और मानवीय मूल्यों के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में संस्था की ओर से ‘सामूहिक विवाह, कन्यादान एवं नारी शक्ति सम्मान समारोह’ का भव्य आयोजन 12 दिसंबर 2025 शुक्रवार को बेलबास खेल मैदान, खोदाबार में किया जा रहा है। यह आयोजन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि उन बेटियों के भविष्य को संवारने का पवित्र प्रयास है, जो अभिभावकविहीन या आर्थिक रूप से कमजोर हैं। संस्था द्वारा 11 अनाथ एवं गरीब कन्याओं का विवाह पूरी गरिमा, परंपरा और सम्मान के साथ संपन्न कराया जाएगा, जिसमें घर-गृहस्थी के आवश्यक उपहार भी प्रदान किए जाएंगे, ताकि नवविवाहित जीवन की शुरुआत सुखद हो सके।
उन्हाेंने कहा कि समाज में महिलाओं की भूमिका, त्याग और योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों—खेल, कला, स्वास्थ्य, उद्यमिता, शिक्षा एवं सेवा में उल्लेखनीय कार्य कर रहीं ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को ‘नारी शक्ति सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव हैं।
विशिष्ट अतिथि एस.के शर्मा ने कहा कि ‘राम समुझ शिक्षण संस्थान’ द्वारा आयोजित यह सामूहिक विवाह समारोह समाज में सेवा, सहयोग और मानवीय संवेदना का अनुपम उदाहरण है। 11 अनाथ एवं गरीब कन्याओं के विवाह का संपूर्ण दायित्व उठाना वास्तव में अत्यंत पवित्र और प्रशंसनीय कार्य है। संस्था न केवल बेटियों का विवाह करा रही है, बल्कि उन्हें सम्मान, सुरक्षा और एक सशक्त भविष्य भी प्रदान कर रही है।”
उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से नव दंपतियों को बेड सेट, ड्रेसिंग टेबल, पंखा, प्रेस, बर्तन सेट, चूल्हा, तुलसी, ठीठौरी, कपड़े, सोने का मंगलसूत्र, चांदी का पायल, अलमारी, बक्सा, अनाज, कुर्सी टेबल तथा स्वास्थ्य बीमा जैसी आवश्यक गृहस्थी की वस्तुएं प्रदान की जाएंगी। विशिष्ट अतिथि ने कहा कि इतनी विस्तृत व्यवस्था केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि सच्चे मन से की गई ‘कन्यादान’ की भावना का प्रतीक है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय



