साबरकांठा जिले को 3762.88 लाख रुपए सहित राज्य को 1014.14 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की भेंट

-मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में साबरकांठा जिले में राज्य स्तरीय विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया

खेड़ब्रह्मा, 9 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को साबरकांठा जिले की खेड़ब्रह्मा तहसील के नवी मेत्राल गांव के आर्डेकता इंस्टीट्यूट में विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समग्र राज्य में कुल 1014.14 करोड़ रुपए के 4293 कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें से साबरकांठा जिल में मुख्यमंत्री ने 3762.88 लाख रुपए के 216 कार्यों का शिलान्यास तथा 2091.37 लाख रुपए के 197 कार्यों का लोकार्पण किया। उन्होंने 7618 लाभार्थियों को विभिन्न विभागों की व्यक्तिगत योजना के 4682.00 लाख रुपए के लाभ प्रदान किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि आदिवासी समाज के भव्य इतिहास और गौरवशाली संस्कृति, परम्परा तथा अस्मिता को बनाए रखने के एक भाग के रूप में हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि अगस्त का महीना क्रांति का महीना है। मानगढ़ में गोविंद गुरु हो या पाल दढवाव में मोतीलाल तेजावत, स्वतंत्रता संग्राम के समय आदिवासियों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। द्रौपदी मुर्मू के रूप में भारत को पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिली हैं। प्रधानमंत्री ने आदिम समूहों के 30 हजार परिवारों के 1.50 लाख लोगों के विकास के लिए ‘पीएम-जनमन’ अभियान शुरू किया है। वन बंधु कल्याण योजना, वन अधिकार अधिनियम, समरस छात्रालय, एकीकृत डेयरी विकास परियोजना और दूध संजीवनी योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में आदिवासी विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपए का विशेष प्रावधान किया गया है। वनबंधु कल्याण फेज-2 के अंतर्गत एक लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान और 30 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, नल से जल, जनजातीय क्षेत्रों में औद्योगिक क्षेत्र-जीआईडीसी की स्थापना से नए रोजगार अवसर उपलब्ध होने के कारण जीवन में गुणवत्तापूर्ण सुधार आया है। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम’ अभियान के तहत देश के 63 हजार गांवों के पांच करोड़ आदिवासियों के सौ फीसदी विकास का संकल्प लिया गया है। आदिम समूहों को सामाजिक और आर्थिक विकास के जरिए मुख्यधारा में शामिल करने के लिए पीएम-जनमन अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी बच्चों को मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग क्लास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

आदिजाति विकास और शिक्षा मंत्री कुबेरभाई डिंडोर ने भी सभा काे संबाेधित किया। आदिवासी समुदाय के विद्यार्थियों ने परम्परागत सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र के एक बालक द्वारा लिखे गए काव्य ग्रंथ का विमोचन भी किया।

हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय / संजीव पाश

   

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