पुंछ में मेगा अनक्लेम्ड डिपॉजिट सेटलमेंट कैंप में 21.65 लाख मौके पर ही सेटल हुए

जम्मू, 25 नवंबर (हि.स.)। पुंछ में आज वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग के निर्देशों पर आरबीआई और लीड बैंक कार्यालय पुंछ द्वारा एक मेगा अनक्लेम्ड डिपॉजिट सेटलमेंट एवं जागरूकता कैंप का आयोजन डाक बंगला पुंछ में किया गया। इस कैंप का उद्देश्य लोगों को उनके भूले-बिसरे खातों, लंबित दावों और निष्क्रिय जमा राशि को खोजने, सत्यापित करने और सेटल करने में सहायता प्रदान करना था।

कार्यक्रम का संचालन आरबीआई एलडीओ पुंछ अमित कुमार के निर्देशन में हुआ जबकि लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर पुंछ संजीव रसोत्रा ने समन्वय की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस पहल को जेणएण्डके बैंक ज़ोनल हेड राजीव कुमार दिगरा और क्लस्टर हेड रितेश शर्मा का भी पूरा सहयोग मिला।

कार्यक्रम की प्रमुख खासियत रही आरबीआई एलडीओ द्वारा प्रस्तुत जागरूकता सत्र जिसमें उन्होंने बताया कि पुंछ जिले के विभिन्न बैंकों में लगभग 12 करोड़ 56 लाख की अनक्लेम्ड राशि वर्षों से निष्क्रिय पड़ी है। कई परिवारों को प्रवास, खाताधारकों की मृत्यु, या नॉमिनेशन की कमी के कारण अपने जमा धन की जानकारी नहीं रहती। उन्होंने लोगों को नियमित रूप से केवाईसी अपडेट रखने, हर खाते में नॉमिनेशन जोड़ने और खातों को सक्रिय रखने की सलाह दी।

उन्होंने यूडीजीएएम पोर्टल की भूमिका पर भी प्रकाश डाला जिसके माध्यम से विभिन्न बैंकों में पड़े अनक्लेम्ड डिपॉजिट को आसानी से खोजा जा सकता है।एलडीएम संजीव रसोत्रा ने सेटलमेंट प्रक्रिया, ज़रूरी दस्तावेजों और जिले में इस राष्ट्रीय अभियान के तहत प्रदान की जा रही सहायता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिले के सभी बैंक नियमित रूप से हेल्प डेस्क चलाएंगे ताकि लोग अपने निष्क्रिय खातों को आसानी से सक्रिय कर सकें और बकाया राशि प्राप्त कर सकें।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मुख्य कृषि अधिकारी पुंछ योगराज सलथिया ने आरबीआई और बैंकों के समन्वित प्रयासों की सराहना करते हुए इसे जनता के हित में उठाया गया सराहनीय कदम बताया। कैंप के दौरान कुल 52 खातों का पंजीकरण और प्रोसेस किया गया तथा मौके पर ही 21,65,000 की राशि लाभार्थियों को सेटल कर सौंप दी गई। कई लाभार्थियों को ऑन-द-स्पॉट सेटलमेंट लेटर दिए गए जिससे पूरी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और संतोषजनक रही। यह कैंप जिले में वित्तीय जागरूकता और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता

   

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