251 सामूहिक पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं महारुद्राभिषेक

जयपुर, 4 अगस्त (हि.स.)। श्री शिव महापुराण कथा समिति के तत्वावधान में श्रावण मास की हरियाली अमावस्या को 17वां 251 सामूहिक पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं महारुद्राभिषेक का विशाल एवं अनूठा आयोजन संपन्न हुआ। अनुष्ठान में सम्मिलित हुई उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने समिति की सामरिक शिवार्चना का विमोचन किया। हरियाली अमावस्या पर संपन्न हुए अनुष्ठान में हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ, पितरों का विशेष पूजन और शिव नाटिका का मंचन भी हुआ।

समिति के महामंत्री अरुण खटोड़ ने बताया कि वर्ष 2008 से समिति प्रत्येक वर्ष सामूहिक पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं महारुद्राभिषेक का आयोजन करवाती आ रही है। इस वर्ष यह आयोजन श्रावण अमावस्या को किए जाने से पार्थिव शिवलिंग पूजन, प्राण-प्रतिष्ठा और महारुद्राभिषेक के साथ पितरों का भी विशेष पूजन किया गया। पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं महारुद्राभिषेक में भाग लेने वाले प्रत्येक यजमान दम्पति द्वारा अलग-अलग पार्थिव शिवलिंग अपने समक्ष रखकर सस्वर, सविधिक, बृहद रुद्र पाठ द्वारा शिव पूजन-अर्चन एवं अभिषेक किया गया। पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण प्रसिद्ध युवा मूर्तिकार राजेंद्र अर्जुन प्रजापति द्वारा किया गया।

कार्यक्रम संयोजक मनोज पंसारी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरूआत 4 अगस्त को “अनंतम सफायर” मैरिज गार्डन, राजावास, सीकर रोड़ हाइवे, जयपुर में हुई। रुद्राभिषेक के लिये लक्ष्मीनारायण चौधरी व प्रकाश सिंह गौरा परिवार के सहयोग से हरिद्वार से विशेष रूप से 20,000 लीटर गंगाजल का टैंकर उपलब्ध करवाया गया व कैलाश मानसरोवर, गलता एवं तीर्थराज पुष्कर का जल भी गंगाजल में सम्मलित किया गया।

251 महिलाएं और 251 पुरुष हुए कलश यात्रा में शामिल

कार्यक्रम के स्वागत अध्यक्ष किशन गोपाल कोड़िया ने बाताया की प्रातः साढ़े 8 बजे भव्य कलश-यात्रा रवाना होकर कार्यक्रम स्थल तक आई। कलश-यात्रा में डीजे की मधुर ध्वनियों एवं शिव भक्तों के जय घोष के साथ-साथ 251 महिलाएं अपने सिर पर कलश लेकर एवं 251 पुरुष अपने सिर पर पार्थिव शिवलिंग रखकर, विद्वान पंडित व भक्तजन भगवा झण्डे लहराते हुए घण्टे, घडियाल, शंख ध्वनि करते हुए, नाचते-गाते हुये “अनंतम सफायर” मैरिज गार्डन में पहुँचे।

समिति अध्यक्ष व महारुद्राभिषेक आचार्य सुरेश शास्त्री ने बताया कि पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं महारुद्राभिषेक में भाग लेने वाले प्रत्येक यजमान दम्पति द्वारा अलग-अलग पार्थिव शिवलिंग अपने समक्ष रखकर सस्वर, सविधिक, बृहद रुद्र पाठ द्वारा शिव पूजन-अर्चन एवं अभिषेक किया गया। पिछली बार की तरह इस बार भी समिति के वरिष्ठ सदस्य राजेश कंदोई परिवार द्वारा विशेष रूप से 108 दिव्य औषधियों से भगवान आशुतोष शिव का अभिषेक किया गया। सम्पूर्ण रुद्र पाठ के दौरान गंगाजल, दुग्ध, पंचामृत, गन्ने का रस, विजया (भांग) इत्यादि द्वारा पार्थिव शिवलिंगों का अभिषेक किया गया। 251 पार्थिव शिवलिंगों का यजमान दम्पतियों द्वारा अभिषेक करवाने के पश्चात महाआरती का आयोजन किया गया। साथ ही कार्यक्रम में गुरू अमरनाथ जी के द्वारा सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ भी सम्पन्न हुआ। समिति के उपाध्यक्ष श्री त्रिलोक खण्डेलवाल ने बताया कि महाआरती के पश्चात शिव तांडव नृत्य एवं भस्म आरती की जयपुर के प्रसिद्ध नाट्य ग्रुप विराट आर्टिस्ट एण्ड ग्रुप द्वारा शानदार प्रस्तुति दी गई जिसे उपस्थित सभी भक्तजनों ने बहुत सराहा।

समिति के संयोजक अर्जुन सिंह राठौड़ ने बताया कि कार्यक्रम में अलबेली शरण महाराज (सरस निकुंज), महंत गोपालदास महाराज (ठि. मंदिर श्री काले हनुमान जी), हवामहल विधायक एवं महामंडलेश्वर बालमुकुंदाचार्य महाराज (हाथोज धाम), अवधेशाचार्य महाराज (गलता पीठ), सुदर्शनाचार्य महाराज (मंदिर श्री घाट के बालाजी), महंत स्वामी त्रिविक्रमाचार्य महाराज ने कार्यक्रम में पधारकर अपने आशीर्वाद से कार्यक्रम को और अधिक भक्तिमय बना दिया।

समिति के उपाध्यक्ष श्रीराम कोड़िया ने बताया कि उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने समिति की “शिवार्चना” स्मारिका का विमोचन किया। महाआरती के पश्चात पूजित पार्थिव शिवलिंगों का विसर्जन अगले दिन विधि-विधान से हर की पौड़ी, हरिद्वार में समिति के प्रमुख कार्यकर्ताओं व विद्वान पंडितों के द्वारा पूर्ण विधि-विधान से किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश / ईश्वर

   

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