नरगाकोठी विद्यालय में तीन दिवसीय आचार्य कार्यशाला का शुभारंभ

भागलपुर, 31 मार्च (हि.स.)। सैनिक स्कूल गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर एवं पूरनमल सावित्री देवी बाजोरिया सरस्वती शिशु मंदिर नरगाकोठी भागलपुर के प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय आचार्य कर्यशाला का उद्घाटन सोमवार को हुआ।

इस मौके पर डॉ मधुसूदन झा ने कहा कि विद्या भारती जीवंत संस्था है। विद्या भारती की स्थापना 1952 ई. में हुई है। भैया बहनों को संस्कारित एवं चरित्रवान बनाना है। आप ज्ञान के सागर हैं तथा शिष्य कच्चे घड़े के समान होते हैं। अन्नमय कोष से आनंदमय कोष तक बच्चों को पहुंचाना ही विद्या भारती का उद्देश्य है।

मौके पर प्रधानाचार्य अमरेश कुमार ने कहा कि 25 -26 की योजना के लिए एक साथ बैठे हैं। यह विद्यालय बहुत पुराना है। यहां से पूर्व छात्र सांसद, डॉक्टर, इंजीनियर और व्यवसाय क्षेत्र में निकले हैं। समाज के सभी पक्षों के विकास के लिए श्रेष्ठ व्यक्तित्व को इस विद्यालय ने दिया है। कार्य करने के तरीकों में बदलाव समय के साथ चलना आज की आवश्यकता है। बच्चों के अनुसार हम शिक्षक बनें। बच्चों के रंगीन सपनों के अनुकूल हमें कार्य करना है। तिलक राज वर्मा एवं अश्विनि खटोर द्वारा भी कार्यशाला में विचार व्यक्त किए गए।

आज का कार्यशाला पांच सत्रों में संपन्न हुआ। जिसमें सबल पक्ष एवं निर्बल पक्ष पर विचार व्यक्त किए गए। परीक्षा एवं प्रतियोगिता सहित अन्य पक्षों पर विचार किया गया। इस अवसर पर डॉ मधुसूदन झा, डॉ चंद्रभूषण सिंह, तिलक राज वर्मा, अश्विनी खटोर, अशोक कुमार मिश्र, अभिमन्यु कुमार, अजय कुमार, डॉ संजीव झा, शेखर झा, दीपक कुमार झा, पुष्कर झा, शशि भूषण मिश्र एवं विद्यालय के समस्त आचार्य उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर

   

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