छोटी काशी काव्य कुंभ के 145 घंटे पूर्ण, अविरल बही काव्य रसधार
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- Oct 01, 2024
लखीमपुर खीरी, 1 अक्टूबर (हि.स.)। अपने ही पहले विश्व रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए नवीन कीर्तिमान स्थापित करने को अग्रसर छोटी काशी काव्य कुंभ ने सफलतम 145 घंटे पूरे कर अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य 150 व अधिक की ओर सशक्त कदम बढ़ा लिए।
मोहम्मदी रोड स्थित रॉयल लॉन में पच्चीस सितंबर से नवीन विश्व रिकॉर्ड हेतु अनवरत चल रहे छोटी काशी काव्य कुंभ में देश-प्रदेश से आए कवियों, कवियत्री और शायरों ने अपनी जोरदार प्रस्तुतियां दीं। लखनऊ से पधारी रेखा बोरा के सुंदर संचालन में डाॅ. स्मिता तिवारी ने 'दिन को काली रात लिखूं मैं मुझ से ना हो पाएगा', मंजूषा श्रीवास्तव 'मृदुल' ने 'सफर तू हमारा भी आसान कर दे', जेबा खान ने 'भरोसा मत करो सांसों की डोरी टूट जाती है,छतें महरूफ रहती हैं बिल्डिंग टूट जाती है', बिंदु प्रभा ने मेरे अरमान पूरा करके मुस्कुराते पिता मेरे, उनके ख्वाब अधूरे पूरा करना चाहती हूं मैं' राम मोहन गुप्त 'अमर' ने ' पहचानिये खुद को, खुद की शक्ति और कमी, लिया जान जिसने समझो नाप ली सारी जमीं ' सहित विभिन्न रचनाकारों ने निज भाव पुष्प, पंक्तियां प्रस्तुत करके जन मन को मोह लिया।
इस अवसर पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस के जज आलोक कुमार सिंह ने देश के अन्य राज्यों में अपने दायित्व के निर्वहन हेतु प्रस्थान करने से पूर्व शिप्रा यतीश और कपिलश फाउंडेशन के सफलतम संयोजन, सहभागी सैकड़ों कवि कवियत्री और शायरों, सहयोगियों की सराहना करते हुए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने हेतु प्राविजनल सर्टिफिकेट प्रदान किया।
इस अवसर पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस के जज आलोक कुमार सिंह, पूर्व विधायक विनय तिवारी, प्रो. विश्वंभर शुक्ल, श्रीकांत तिवारी कांत,अनिल मिश्र 'सारस्वत', यतीश चंद्र शुक्ल, शिप्रा खरे, नानक चंद वर्मा, प्रहलाद पटेल, सुधीर अवस्थी, राम मोहन गुप्त 'अमर', डाॅ. स्मिता तिवारी, रामजी रस्तोगी, शिवम गिरि आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / देवनन्दन श्रीवास्तव