अमरनाथ यात्रा-2025 शांति, सुरक्षा और सनातन संस्कृति का राष्ट्रीय उत्सव : स्वामी अवधेशानंद गिरि

श्री अमरनाथ साइन बोर्ड की बैठक

-एलजी मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक हुई

हरिद्वार, 07 जून (हि.स.)। स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि अमरनाथ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि यह भारत की सनातन संस्कृति का जीवंत उत्सव है, जो राष्ट्र की आत्मा और संवेदनशीलता को साकार करती है। वे शनिवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की 49वीं बैठक में बोल रहे थे। जूनापीठाधीश्वर, आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज श्राइन बोर्ड के सदस्य के रूप में नामित किए गए हैं। इस बैठक में आगामी अमरनाथ यात्रा की तैयारियों, यात्रा मार्गों की सुरक्षा और तीर्थयात्रियों की सुविधा को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसकी अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ।

बैठक में स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि अमरनाथ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि यह भारत की सनातन संस्कृति का जीवंत उत्सव है, जो राष्ट्र की आत्मा और संवेदनशीलता को साकार करती है। यहाँ भक्त बाबा अमरनाथ शिव की उस अलौकिक और विराट दिव्यता के दर्शन करते हैं, जो भारत के हर हृदय में धड़कती है। यह यात्रा भारत की आत्मा को अनुभव करने का एक अनुपम अवसर है।

हरिद्वार स्थित जूना अखाड़ा के आचार्य पीठ हरिहर आश्रम के प्रतिनिधि कैलाशी पीयूष ने स्वामी अवधेशानंद गिरि के हवाले से बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के पश्चात यात्रा मार्ग विशेषकर पहलगाम और बालटाल–पूर्णतः सुरक्षित और व्यवस्थित है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड प्रशासन द्वारा विश्वस्तरीय सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है, जिनमें अत्यधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ, आरामदायक आवास, पौष्टिक भोजन और आपातकालीन सेवाएँ शामिल हैं।

बैठक में जो प्रमुख निर्णय लिए गए उनमें यात्रा मार्गों पर आधुनिक चिकित्सा केंद्र और हेल्थ यूनिट की स्थापना, त्वरित आपदा प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) की तैनाती और सूचना, सहायता केंद्रों का निर्माण शामिल है। यात्रा को व्यवस्थित सुखद और सुरक्षित बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन, सुरक्षा बल और स्वैच्छिक संस्थाएँ एकजुट होकर कार्य करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थायित्व की पुनर्स्थापना से यह यात्रा राष्ट्रीय गौरव का एक अवसर बन गयी है। निश्चित ही इस वर्ष की यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक अलौकिक और अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव बनेगी।

बैठक में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी, मुख्य सचिव, सेना और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे, जिनके सुझावों और समन्वय से इस यात्रा की रूपरेखा को ठोस स्वरूप मिला।

श्री अमरनाथ साइन बोर्ड ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्धारित पंजीकरण प्रक्रिया का पालन करते हुए यात्रा में सम्मिलित हों।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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